बच्चेदानी में गांठ होने से क्या प्रॉब्लम होती है? – डॉ नमिता

बच्चेदानी में गांठ होने से क्या प्रॉब्लम होती है

आजकल ज़िंदगी बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रही है, चाहे वो एजुकेशन हो, साइंस में नई खोजें हों, या फिर महिलाओं की हर फील्ड में बढ़ती भागीदारी हो। हालाकि बदलती सोच और modernity ने महिलाओं को हर काम में बढ़ावा दिया है पर साथ ही इसी भागदौड़ भरी भागीदारी का असर उनकी सेहत पर भी पड़ रहा है।

कई महिलाएं अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में किसी न किसी health problem का सामना कर रही हैं। आजकल थकान, पेट में भारीपन और अनियमित पीरियड्स जैसी परेशानियों को महिलाएं ‘नॉर्मल’ मानकर नज़रअंदाज़ करने लगी हैं। 

लेकिन क्या यह वाकई सामान्य है?

शरीर जब तकलीफ में होता है, तब वह पहले छोटे-छोटे संकेत देता है। लेकिन जब इन्हें अनदेखा किया जाता है, तो यही परेशानियाँ गंभीर बीमारियों का रूप ले सकती है।

ऐसी ही एक आम लेकिन गंभीर प्रॉब्लम है—बच्चेदानी में गांठ, यह गर्भाशय के अंदर या बाहर बनने वाली अतिरिक्त cells की ग्रोथ होती है। पहले यह परेशानी 45 साल की उम्र के बाद ज्यादा देखने को मिलती थी, लेकिन आजकल की unhealthy lifestyle की वजह से कम उम्र की महिलाओं में भी अब यह प्रॉब्लम बढ़ रही है।

तो आखिर बच्चेदानी में गांठ होने से क्या प्रॉब्लम होती है? इसके क्या कारण और लक्षण हैं? और इसका सही इलाज क्या है? आइये इस ब्लॉग के द्वारा हम इस विषय पर विस्तार से जानते हैं जिससे आप समय रहते सही जानकारी ले सकें और अपनी सेहत का बेहतर ख्याल रख सकें।

बच्चेदानी में गाँठ होने के कारण

एक सवाल जो आपके मन में आ रहा होगा – आख़िर बच्चेदानी में गांठ होने का कारण क्या है? 

हालांकि बच्चेदानी में गाँठ का कोई एक स्पष्ट कारण नहीं है, लेकिन खराब लाइफस्टाइल एक ऐसा फैक्टर है, जो कई अन्य कारणों को जन्म देता है और बच्चेदानी में गांठ बनने की संभावना बढ़ा देता है। 

इसके अलावा हार्मोनल बदलाव, खासतौर पर एस्ट्रोजन और एंड्रोजन का असंतुलन, भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। अत्यधिक तनाव (Stress) भी एक महत्वपूर्ण कारण है, क्योंकि यह शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे   आपको reproductive health से जुडी कई समस्याएं हो सकती हैं।

बहुत से मामलों में यह समस्या अनुवांशिक (Genetic) भी पाई गई है। अगर परिवार में किसी महिला को पहले बच्चेदानी में गांठ हो चुकी है, तो अन्य महिलाओं में भी इसके विकसित होने की संभावना अधिक हो जाती है। 

तो आइए जानते हैं कि वे 10 समस्याएं कौन-सी हैं, जो बच्चेदानी में गांठ होने पर महिलाओं में देखी जा सकती हैं।

बच्चेदानी में गाँठ होने से होने वाली 10 प्रॉब्लम

1.मासिक धर्म में अनियमितता

बच्चेदानी में गांठ होने पर सबसे आम समस्या मासिक धर्म में अनियमितता होती है। बच्चेदानी में गांठ होने की स्थिति मैं कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग (Heavy Bleeding) का सामना करना पड़ता है, जबकि कुछ महिलाओं को बहुत कम ब्लीडिंग होती है। 

कई मामलों में यह भी देखा गया है कि पीरियड्स कई महीनों तक नहीं आते, या फिर आने पर बहुत लंबे समय तक चलते हैं। कुल मिलाकर बच्चेदानी की गांठ आपके मासिक धर्म  को बुरी तरह से प्रभावित करती है।

अगर आपके साथ भी ऐसी कोई समस्या हो रही है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। यह न केवल आपकी फर्टिलिटी हेल्थ बल्कि आपकी संपूर्ण जीवनशैली को भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए, सही समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद ज़रूरी है।

 2. गर्भधारण में कठिनाई 

प्रेग्नेंसी अपने आप में एक बड़ी जिम्मेदारी होती है, और अगर बच्चेदानी में गांठ हो, तो यह और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। क्या आपको पता है कि अगर गांठ का आकर बढ़ जाये तो यह फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक कर सकती है, जिससे निषेचन (Fertilization) या भ्रूण का सही तरीके से implantation नहीं हो पाता? 

यही नहीं, अगर किसी तरह गर्भधारण हो भी जाए, तो miscarriage या premature birth का खतरा बढ़ जाता है। ये सिर्फ कंसीव करने की समस्या तक करने तक सीमित नहीं है यह बच्चे के विकास पर भी असर डाल सकता है। 

इसलिए, अगर आप pregnancy  प्लान कर रही हैं और आपको पहले से बच्चेदानी में गांठ की समस्या है, तो तो ऐसे में आपका डॉ. से सही समय रहते सलाह लेना जरुरी है, ताकि आप बिना किसी परेशानी के एक स्वस्थ गर्भावस्था का अनुभव कर सकें।

3.पेट में दर्द या भारीपन

आमतौर पर पेट में दर्द या भारीपन को हम सामान्य समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन यह हमेशा सामान्य नहीं होता। बच्चेदानी में गांठ होने पर, इसका दबाव पेट के आसपास के हिस्सों पर बढ़ने लगता है, जिससे निचले पेट में दर्द या भारीपन महसूस हो सकता है।

अगर गांठ का आकार बढ़ जाए, तो यह ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकती है, जिससे मांसपेशियों में तनाव, ऐंठन या खिंचाव जैसा दर्द महसूस हो सकता है।

अगर आपको लगातार या असामान्य रूप से ज्यादा दर्द हो रहा है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें—यह कोई सामान्य परेशानी नहीं है।  इसका समय पर जांच और सही इलाज जरूरी है ताकि आगे किसी जटिलता से बचा जा सके।


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4.मूत्र सम्बन्धी समस्याएं 

बच्चेदानी में गांठ से होने वाली समस्याओं में  मूत्र सम्बन्धी समस्याएं एक भी है, जो न सिर्फ आपकी सेहत बल्कि आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को भी प्रभावित कर सकती है। गांठ के बढ़ने से मूत्राशय पर दबाव पड़ सकता है, जिससे यूरिन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। 

इसका असर दो तरह से दिख सकता है—कुछ महिलाओं को बार-बार पेशाब जाने की जरूरत महसूस होती है, जबकि कुछ को पेशाब करने में कठिनाई या अधूरे ब्लैडर का एहसास होता है।

गांठ बढ़ने पर यह मूत्र मार्ग (Urethra) को संकुचित कर सकती है, जिससे यूरिन पास करने में रुकावट या जलन हो सकती है। इसके अलावा, यदि मूत्राशय पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता, तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा भी बढ़ सकता है। 

5.थकान या कमजोरी 

थकान और कमजोरी महिलाओं में आम समस्या है, और इसके पीछे का एक बड़ा कारण एनीमिया होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका सीधा सम्बन्ध बच्चेदानी में गांठ से जुड़ी समस्या से भी हो सकता है?

जी हां, गांठ के कारण पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग होती है, और जब ऐसा लगातार होता है, तो शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने लगती है। इसका सीधा  सम्बन्ध एनीमिया से है, जिससे थकान, कमजोरी और ऊर्जा की कमी महसूस होना स्वाभाविक है।

और जब शरीर में आयरन कम हो जाता है, तो सिर्फ कमजोरी ही नहीं, बल्कि चिड़चिड़ापन और जल्दी थक जाने की समस्या भी हो सकती है। कई बार हल्का-फुल्का काम करने पर भी ऊर्जा खत्म होने जैसा महसूस होता है, जिससे आपकी दैनिक दिनचर्या पर असर पड़ता है। 

6.सम्भोग के दौरान दर्द

इंटिमेसी के दौरान हल्का दर्द सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर यह दर्द असहनीय हो रहा है, तो इसकी एक वजह बच्चेदानी में गांठ  हो सकती है।

जब गांठ का आकार बढ़ता है, तो यह आसपास के अंगों पर दबाव डालने लगती है, जिससे इंटिमेसी के दौरान असहजता और दर्द महसूस हो सकता है। कई बार जानकारी के अभाव में इस समस्या को नजरअंदाज कर दिया जाता है।

लेकिन यह न केवल शारीरिक तकलीफ देता है, बल्कि आपके रिश्ते पर भी असर डाल सकता है। अगर आप लंबे समय से इस समस्या का सामना कर रही हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

7.पेट में सूजन

जब बच्चेदानी में गांठ का आकार बढ़ने लगता है, तो यह पेट के निचले हिस्से पर दबाव डालती है, जिससे सूजन होने लगती है। कई महिलाओं को नाभि के नीचे फुलाव दिखाई देता है, जो समय के साथ बढ़ने लगता है, और पेट में दर्द रहने लगता है।

इसका प्रभाव पाचन तंत्र पर भी पड़ने लगता है, जिसके कारण भूख कम लगना, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं जन्म लेने लगती हैं। 

इसके अलावा, जब गांठ का आकार बढ़ता है, तो यह आसपास के अंगों पर दबाव डालती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिसके कारण शरीर में सूजन आ सकती है। 

8.heavy Bloodflow

पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो होना सामान्य है, लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा और लंबे समय तक बना रहे, तो यह बच्चेदानी में गांठ की ओर इशारा करता है।

गर्भाशय के अंदर एंडोमेट्रियम नाम की एक परत होती है, जो हर महीने शेड होती है। लेकिन जब बच्चेदानी में गांठ बन जाती है, तो यह इस परत को प्रभावित करती है, जिससे ब्लड फ्लो जरूरत से ज्यादा बढ़ सकता है।

इसके अलावा, गांठ के बढ़ने से गर्भाशय के सिकुड़ने (contract) की क्षमता कम हो जाती है, जिससे ब्लीडिंग ज्यादा और अनियंत्रित होने लगती है,और शरीर  में कमजोरी होने लगती है।

9. कब्ज का होना

कब्ज की समस्या होना आम बात है, लेकिन जब यह लगातार बनी रहे और किसी भी उपाय से ठीक न हो, तो इसके पीछे का कारण बच्चेदानी में गांठ हो सकती है 

 जब गांठ का आकार बढ़ने लगता है, तो यह आंतों पर दबाव डालती है, जिससे पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और मल त्याग में कठिनाई होने लगती है। इसके अलावा, गांठ के कारण पेट में सूजन और भारीपन महसूस हो सकता है, जिससे गैस और अपच की समस्या भी बढ़ सकती है।

अगर आपको लंबे समय से कब्ज की समस्या हो रही है और कोई स्पष्ट कारण नहीं दिख रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

10. पैर और पीठ दर्द 

जब बच्चेदानी में गांठ का आकार बढ़ने लगता है, तो यह आसपास की नसों और मांसपेशियों पर दबाव डालता है, जिससे खिंचाव और दर्द महसूस होने लगता है। कई बार यह दर्द पेट से शुरू होकर पीठ और पैरों तक पहुंच जाता है।

इसके अलावा, गांठ ब्लड सर्कुलेशन को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे पैरों में भारीपन और सुन्नपन महसूस हो सकता है।

बच्चेदानी में गाँठ होने के कारण

निष्कर्ष 

हमारा शरीर किसी भी बीमारी के होने  संकेत पहले ही देना शुरू कर देता है, लेकिन जानकारी के अभाव में हम अक्सर इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यही छोटी-छोटी समस्याएँ आगे चलकर गंभीर स्वास्थ्य परेशानी का रूप लेने लगती है 

इस ब्लॉग में हमने बच्चेदानी में गांठ होने से क्या प्रॉब्लम होती है? के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। अगर आपको भी अपनी बॉडी में ऐसे कोई लक्षण नज़र आ रहे हैं, तो इसे सामान्य न समझें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। समय रहते इसका इलाज न करवाने से आपकी फर्टिलिटी हेल्थ पर गहरा असर पड़ सकता है।

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FAQ

बच्चेदानी में गाँठ होने से क्या नुक्सान होता है?

बच्चेदानी में गांठ के कारण कई समस्याएं हो सकती हैं, जो आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ को प्रभावित कर सकती हैं। इसमें अनियमित पीरियड्स, हैवी ब्लड फ्लो और एनीमिया जैसी दिक्कतें शामिल हैं, जिससे कमजोरी और थकान महसूस होती है।

इसके अलावा, गांठ के बढ़ने से पेट में दर्द, सूजन और मूत्र या पाचन से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह आपकी फर्टिलिटी हेल्थ के साथ-साथ आपकी डेली लाइफ पर भी नकारात्मक असर डाल सकती है।

बच्चेदानी के अन्दर गाँठ होने का क्या कारण है?

बच्चेदानी में गांठ होने के पीछे सबसे प्रमुख कारणों में गलत लाइफस्टाइल और अनुवांशिकता शामिल हैं। यदि परिवार में किसी महिला को यह समस्या रही है, तो आगे आने वाली पीढ़ियों में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।

 इसके अलावा, असंतुलित खानपान, बढ़ता तनाव, मोटापा और हार्मोनल असंतुलन भी इस समस्या को बढ़ावा देते हैं। आज के समय में तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण महिलाओं में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है।

बच्चेदानी में गाँठ होने के क्या लक्षण होते हैं?

बच्चेदानी में गांठ होने पर शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जैसे – मासिक धर्म में अनियमितता, गर्भधारण में कठिनाई, पेट में दर्द या भारीपन, मूत्र संबंधी समस्याएं, थकान या कमजोरी, सम्भोग के दौरान दर्द और पेट में सूजन आदि।

अगर ये लक्षण लगातार बने रहें और समय के साथ बढ़ते जाएं, तो यह संकेत हो सकता है कि बच्चेदानी में गांठ की समस्या गंभीर हो रही है
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। आज ही Aastha Fertility के एक्सपर्ट्स से संपर्क करें और सही समय पर सही इलाज पाएं!

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Dr Namita Kotia
Dr. Namita Kotia (MBBS, MS – Obstetrics & Gynaecology) is a highly experienced IVF and Infertility Specialist with over 15 years of expertise in Assisted Reproductive Technology (ART). She completed her post-graduation from S.N. Medical College, Jodhpur, affiliated with the University of Rajasthan. As the Director of Aastha Fertility Care, Jaipur, Dr. Kotia specializes in advanced fertility treatments such as IVF, IUI, ICSI, and fertility preservation. Her patient-centric approach, combined with clinical excellence, has helped hundreds of couples achieve their dream of parenthood. Dr. Namita Kotia is also active in reproductive health education and awareness initiatives.

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