भारत में आईवीएफ में बच्चा लड़का होने की संभावना क्या है जानिए ?
Fact Checked
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Dr. Namita Kotia has been practicing infertility treatment at Aastha Fertility Care since 2010, and during this time, she has helped around 2000+ couples become parents through IVF treatment and also other assisted reproductive technology (ART) methods like ICSI, IUI, GIFT, etc. Dr. Namita provides her patients with the best possible care and treatment options.
भारत में आईवीएफ में बच्चा लड़का होने की सम्भावना क्या है ऐसा सवाल कुछ लोगों के मन में रहता है | तो इस सवाल का जवाब हम एक लाइन में दे देते है की भारत में IVF में लड़का होने की सम्भावना 50% होती है | यह वैसे ही सामान्य है जैसे की प्राकृतिक रूप से बच्चा होने में लड़का या लड़की होने की सम्भावना होती है | कुछ लोगों के ये भी सवाल होते है की क्या IVF के द्वारा लिंग निर्धारण संभव है | ये कुछ ऐसे सवाल है जो लोगों के मन में रहते है और इनसे जुडी कुछ गलत अफवाहे भी रहती है जिसके कारन IVF करवाने वाले दम्पति को परेशानी हो सकती है तो आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से –
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IVF में यह जानना संभव है की लड़का होगा या लड़की ?

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निशुल्क ऑनलाइन परामर्श फॉर्म भरे|आपको बता दें की ऐसी कोई भी IVF या अन्य फर्टिलिटी तकनीक नहीं है, जिसके द्वारा यह पता लगाया जा सके की IVF में होने वाली संतान लड़का है या लड़की | IVF में केवल फर्टिलाइजेशन के लिए महिला के अंडाणु को पुरुष के शुक्राणु से लैब के अंदर निषेचित करवाया जाता है और उसके बाद एम्र्बियो को गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है |
IVF में लिंग का निर्धारण किस तरह से होता है ?
एक महिला के अंडाणु में 23 x क्रोमोसोम होते है और इसी तरह पुरुष के शुक्राणु में भी 23 X और Y क्रोमोसोम होते है | जब पुरुष का 23 X क्रोमोसोम शुक्राणु महिला के 23 X क्रोमोसोम को निषेचित करता है तो संतान लड़की होती है और जब पुरुष के 23 Y क्रोमोसोम वाला शुक्राणु महिला के 23 X अंडे को निषेचित करता है तो लड़का पैदा होता है | इस तरह आप जान गए होंगे की बच्चा लड़का पैदा होगा या लड़की पैदा होगी इसमें महिला के अंडे का रोल नहीं होता है इसमें पुरुष के X या Y शुक्राणु से ही इसका निर्धारण होता है |
IVF प्रक्रिया में महिला से अंडे को प्राप्त करके और पुरुष से शुक्राणु को प्राप्त करके उन्हें लैब में निषेचित किया जाता है | जो स्पर्म और अंडे प्राप्त किये जाते है वह बहुत ही सूक्ष्म होते है और IVF तकनीक से उनके क्रोमोसोम से चेक नहीं किया जा सकता है |
जब अंडा शुक्राणु से निषेचित कर लिया जाता है तो वह भ्रूण भी बहुत सूक्ष्म होता है | माइक्रोस्कोप से भी केवल भ्रूण के ऊपरी सतह और उनकी सेल्स की क्वालिटी कैसी है इसका तो पता लगाया जा सकता है लेकिन उनका लिंग क्या होगा यह पता नहीं लगाया जा सकता है |
इसलिए IVF में लड़का होगा या लड़की होगी यह जानना वैज्ञानिक दृष्टि से बिलकुल भी संभव नहीं होता है |
IVF में लिंग निर्धारण पर कानून क्या कहता है ?
जैसा की हमने आपको बताया की IVF की तकनीक में बच्चा लड़का होगा या लड़की इसका पता लगाना संभव नहीं है | वही दूसरी और भारत में बच्चे के जन्म से पहले बच्चे का लिंग जानना कानूनन रूप से भी गैर क़ानूनी है और अगर कोई ऐसा करता है तो उनको जुर्माने के साथ ही कैद का प्रावधान भी किया गया है | भारत में PC – PNDT ACT 1994 के अनुसार यदि कोई क्लिनिक या कोई व्यक्ति जो किसी भी तरह बच्चे के कंसीव होने या गर्भावस्था के समय किसी भी तरह बच्चे के लिंग निर्धारण करता है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है | इसलिए भूलकर भी कभी बच्चे के लिंग के बारे में जानने का अपराध ना करें |
निष्कर्ष
इस लेख में आपने जाना की IVF में बच्चा लड़का होने की सम्भावना क्या होती है साथ ही हमने यह भी जाना की लिंग का निर्धारण कैसे होता है और IVF तकनीक से बच्चे के लिंग के बारे में नहीं जाना जा सकता है | यदि आप IVF से सबंधित और जानकारी पाना चाहते है तो आस्था फर्टिलिटी में हमारे IVF विशेषज्ञ डॉक्टर से जानकारी पा सकते है | यहाँ पर आपको उचित सलाह के साथ ही बेहतर ट्रीटमेंट प्रदान किया जाता है | यहाँ पर आपके उपचार के लिए एक अच्छा माहौल मिलता है | हमसे संपर्क करने के लिए आगे दिए गए नंबर पर कॉल करें | धन्यवाद |
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