दूसरी बार प्रेगनेंट होने पर कौन कौनसे लक्षण दिखाई देते है जानिए

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दूसरी बार प्रेगनेंट होने पर कौन कौनसे लक्षण दिखाई देते है जानिए

दूसरी बार प्रेगनेंट होने पर कौन कौनसे लक्षण दिखाई देते है जानिए


Fact Checked

माँ बनना हर महिला के लिए सबसे बड़ा सुख है लेकिन जब महिला पहली बार प्रेगनेंट होती है तो उन्हें प्रेगनेंसी के बारे में कुछ पता नहीं होता है | लेकिन जब पहली बार माँ बन जाती है तो उन्हें प्रेगनेंसी के समय होने वाली सारी परिस्थितियों के बारे में पता चल जाता है | ऐसे में वे दूसरी बार प्रेगनेंट होने के लक्षणों को आसानी से पहचान सकती है | पहली प्रेगनेंसी की तुलना में दूसरी प्रेगनेंसी के समय शरीर में कुछ अलग प्रकार के परिवर्तन होते है जिनके बारे में आज हम विस्तार से जानेंगे | 

दूसरी बार प्रेगनेंसी होने पर दिखाई देते है ये लक्षण 

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पेट दर्द कम होता है 

जब दूसरी बार महिला प्रेगनेंट होती है तो महिला को पहली बार की तुलना में पेट दर्द कम होता है | पहली बार प्रेगनेंसी होने पर पेट के फैलने और संकुचन होने पर दर्द अधिक होता है | जबकि दूसरी बार में पेट में लचक पैदा हो जाती है जिसकी वजह से पेट के फैलने और संकुचन होने पर दर्द कम होता है | इसलिए यदि आप दूसरी बार प्रेगनेंट हो रही है तो जरुरी नहीं की आपके पेट में पहली प्रेगनेंसी की तरह दर्द हो | 

थकान अधिक होना 

पहली प्रेगनेंसी की तुलना में दूसरी बार प्रेगनेंट होने पर महिला को अधिक थकान का अहसास होता है | क्योकि दूसरी बार प्रेगनेंट होने पर आपकी उम्र भी अधिक होती है और पहले बच्चे की जिम्मेदारी के साथ ही प्रेगनेंसी की जिम्मेदारी होती है, जिसकी वजह से अधिक थकावट का अहसास होता है | 

मूड में परिवर्तन 

जब आप दूसरी बार प्रेगनेंट होती है तो इसमें पहली प्रेगनेंसी की तरह मूड में चेंज होता है | प्रेगनेंसी के बाद शरीर में कुछ हार्मोनल परिवर्तन होने लगते है जिसके कारण आप कभी अचानक से बहुत खुश तो कभी बहुत उदास हो सकती है | प्रेगनेंसी के शुरुआती समय और प्रसव के समय में सबसे अधिक मूड चेंज होते है | 

पेट में बदलाव 

 दूसरी बार की गर्भावस्था में पेट में बदलाव भी जल्द दिखने लगता है | पहली प्रेग्नेंसी में पेट को अधिक खिचांव करना पड़ता है इसलिए पेट अधिक बढ़ता नहीं है | लेकिन पहली प्रेगनेंसी से पेट की मांसपेशियां अच्छे से खिंच चुकी होती है और पेट को फैलाव मिल चूका होता है | इसलिए दूसररी बार की प्रेगनेंसी होने पर पेट का फैलाव अधिक होता है और प्रेगनेंसी जल्दी नजर आने लगती है | 

वजन का बढ़ना 

जब शरीर में नयी जिंदगी आकार लेने लगती है तब शरीर को भूख भी अधिक लगती है जिसकी वजह से वजन तेजी से बढ़ने लगता है | इसके अलावा शरीर में हार्मोन के बदलने के कारन भी शरीर का वजन बढ़ता है | सामान्य स्थिति से वजन बढ़ना सही रहता है लेकिन यदि वजन बहुत अधिक  बढ़ रहा है तो वह स्थिति भी ठीक नहीं है | 

प्रसव के समय दर्द कम होना 

पहले प्रसव में महिला को बहुत अधिक दर्द होता है और यह दर्द कई घंटो तक रहता है | लेकिन दूसरी प्रेगनेंसी में दर्द का समय घटकर आधा ही रह जाता है | क्योकि पहली प्रेगनेंसी के कारण पेट और गर्भाशय की मांशपेशियों स्ट्रेच अधिक हो पाती है | 

यदि आप दूसरी बार माँ बनने जा रही है तो आप दूसरी बार प्रेगनेंट होने के लक्षण को देखकर अपनी प्रेगनेंसी को जान सकती है | कई बार महिलाएं दूसरी बार प्रेगनेंसी में पहली प्रेगनेंसी की तरह अपनी देखभाल नहीं कर पाती है  जो की सही नहीं है | दूसरी प्रेगनेंसी में भी महिला को खास देखभाल की जरुरत होती है और यदि सही खानपान और अन्य बातों का ध्यान नहीं रखा तो कई तरह की परेशानियां हो सकती है | यदि किसी महिला को माँ बनने में बहुत अधिक परेषानी आ रही है तो इसके लिए वो आस्था फर्टिलिटी सेण्टर से अपना फर्टिलिटी ट्रीटमेंट करवा सकते है और प्रेगनेंट होकर माँ बन सकती है | 

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