फर्टिलाइजेशन क्या है और इसके लक्षण क्या है ?

फर्टिलाइजेशन क्या है, इसके लक्षण क्या है

गर्भावस्था किसी महिला के जीवन का एक ऐसा समय होता है जब उन्हें इसके लिए खास देखभाल की जरूरत होती है | महिलाओं में मासिक स्त्राव होने के 2 सप्ताह बाद तक शुक्राणु अंडो को निषेचित करता है |

अधिकांश महिलाऐं अपनी प्रेगनेंसी के बारे में तब जान पाती है जब उन्हें हर महीने होने वाला मासिक स्त्राव नहीं होता है | लेकिन यह केवल एक लक्षण है इसके अलावा भी बहुत से ऐसे फर्टिलाइजेशन के लक्षण है जिनके द्वारा महिला जान सकती है की वह गर्भवती है |

आज के इस Article में हम जानेंगें की फर्टिलाइजेशन के लक्षण क्या है और इन्हें कैसे समझ सकते है | 

फर्टिलाइजेशन कैसे होता है इसकी क्या प्रक्रिया है ? 

सामान्यतः महिलाओं में मासिक चक्र 25 से 35 दिन का होता है | मासिक चक्र के 12 से 16 दिन के बाद Ovulation का समय होता है | यह समय महिला के गर्भवती होने के लिए सबसे सही समय होता है | इस समय Ovary से एक परिपक्व अंडा छोड़ा जाता है इस प्रक्रिया को ovulation कहते है |

यह परिपक्व अंडा फ़ैलोपिन ट्यूब में आता है जहाँ पर यह 24 घंटे रहता है | जब शुक्राणु इन परिपक्व अंडो से फर्टिलाइज़ होता है तब गर्भाधान होता है | और इस निषेचित अंडे की कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती है | अब यह फ़ैलोपिन ट्यूब के रास्ते से गर्भाशय में जाता है| इस प्रक्रिया को ब्लास्टोसिस्ट कहते है | 

गर्भाशय में आने के बाद यह निषेचित अंडा गर्भाशय की दीवार में प्रत्यारोपित हो जाता है | इस प्रक्रिया को फर्टिलाइजेशन कहते है | और निषेचित अंडे के गर्भाशय की दीवार में प्रत्यारोपित होने के बाद यह भ्रूण कहलाता है | 

IVF में फर्टिलाइजेशन कैसे होता है ?

IVF में फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया शरीर के बाहर होती है | जो महिला बिना गर्भनिरोधक के सहवास करने के बाद भी गर्भवती नहीं हो पा रही है तो ऐसे में डॉक्टर्स IVF की सलाह देते है|  IVF यानि की In Vitro Fertilization में महिला के योनिद्वार से होते हुए एक सिरिंज के द्वारा फ़ैलोपिन ट्यूब से अंडे प्राप्त किये जाते है|

पुरुष के शुक्राणुओं से लैब के अंदर इन अंडों को निषेचित करवाया जाता है | निषेचित होने के बाद इन अंडों को 4 से 5 दिनों के लिए लैब में ही रखा जाता है और इसके बाद एक खोखली सिरिंज द्वारा इन्हें गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है | 

इसके अतिरिक्त आईवीएफ गर्भावस्था के बाद सुरक्षा सावधानियों को ध्यान मे रखना भी जरुरी है।

फर्टिलाइजेशन के लक्षण क्या है ? 

आप कुछ संकेतों के आधार पर समझ सकती है की फर्टिलाइजेशन हो गया है और आप अब गर्भवती है आइये जानते है उन लक्षणों के बारे में – 

1. हल्का रक्तस्त्राव होना

यदि फर्टिलाइजेशन के बाद इम्प्लांटेशन हो गया है तो हल्का रक्तस्त्राव एक लक्षण है की आप प्रेग्नेंट है | हालाँकि आप इसमें संशय कर सकती है की कहीं यह पीरियड्स में होने वाली ब्लीडिंग तो नहीं | इसके लिए आपको यह जानना जरुरी है की ब्लीडिंग पीरियड के कारण हो रही है या इम्प्लांटेशन के कारन |

पीरियड्स में ब्लीडिंग का रंग गहरा लाल होता है और ब्लीडिंग अधिक होती है | जबकि इम्प्लांटेशन के बाद ब्लीडिंग में केवल कुछ धब्बे दिखाई देते है और इनका रंग हल्का गुलाबी होता है | 

2. थकान का अनुभव होना

फर्टिलाइजेशन के बाद 2 से 3 महीनो के अंदर महिलाओं को थकान का अनुभव हो सकता है | जिसकी चिंता करने की जरुरत नहीं है यह पूरी तरह सामान्य है | 

3. स्तनों का कोमल होना 

महिला के प्रेगनेंट होने के बाद शरीर में हार्मोनल चेंज होने के कारन स्तन मुलायम होने लगते है | कुछ महिलाओं को स्तनों में सूजन भी महसूस हो सकती है | 

4. शरीर में ऐंठन होना

पेट के निचले हिस्से में दर्द या ऐंठन होना प्रेगनेंसी के बाद होने वाला एक आम लक्षण है | शरीर में ऐंठन की वजह भी हार्मोन्स में होने वाला बदलाव है | इसके अलावा महिलाओं को यदि पीठ में दर्द रहने लगा है तो  अपनी प्रेगनेंसी टेस्ट कर लेना चाहिए | 

5. मूड्स चेंज होना

फर्टिलाइजेशन के बाद शरीर में एस्ट्रोजन, एचसीजी और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स तेजी से बढ़ने लगते है इससे महिलाओं का मूड बार बार बदलता रहता है | हो सकता है इस दौरान वह छोटी सी बात पर नाराज हो जाये | या फिर बहुत खुश हो जाये | इसलिए अगर आप यह लक्षण स्वयं में या किसी और में देखती है तो हो सकता है की वह प्रेगनेंट है | 

6. सिर दर्द होना

अक्सर प्रेगनेंट महिलाओं को सरदर्द की शिकायत रहती है इसकी एक वजह प्रेगनेंसी के बाद प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का बढ़ना होता है | इसलिए  महिलाओं को पूरे सर या आधे सर में दर्द की शिकायत रहती है |

 

फर्टिलाइजेशन पर अंतिम निष्कर्ष

फर्टिलाइजेशन का हिंदी में अर्थ होता है निषेचन | निषेचन होने के बाद शरीर में जो जो बदलाव होने लगते है उनके बारे में हमने आपको इस Article में जानकारी दी है | यदि किसी महिला को प्रेगनेंसी में दिक्कत आ रही है तो वह आस्था फर्टिलिटी आकर विशेषज्ञ डॉक्टर्स से सलाह ले सकती है |

यहाँ पर आपकी प्रेगनेंसी हिस्ट्री को ध्यान में रखकर सही उपचार की सलाह दी जाती है | यहाँ पर IVF के द्वारा बड़ी संख्या में लोगों के अपने बच्चे की चाहत पूरी हुई है | यदि आप भी IVF द्वारा फर्टिलाइजेशन के बारे में अधिक जानना चाहते है तो हमारी ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते है और जानकारी पा सकते है | 


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Dr Namita Kotia
Dr. Namita Kotia (MBBS, MS – Obstetrics & Gynaecology) is a highly experienced IVF and Infertility Specialist with over 15 years of expertise in Assisted Reproductive Technology (ART). She completed her post-graduation from S.N. Medical College, Jodhpur, affiliated with the University of Rajasthan. As the Director of Aastha Fertility Care, Jaipur, Dr. Kotia specializes in advanced fertility treatments such as IVF, IUI, ICSI, and fertility preservation. Her patient-centric approach, combined with clinical excellence, has helped hundreds of couples achieve their dream of parenthood. Dr. Namita Kotia is also active in reproductive health education and awareness initiatives.

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