IUI Kya Hota Hai: जानिए कब और कैसे होता है यह इलाज – Dr Namita

IUI Kya Hota Hai

बहुत सारे couples जो शादी के बाद 4-5 साल तक try कर चुके होते हैं बच्चे के लिए और उन्हें कोई result नही मिलता तो उनका एक ही सवाल होता है कि “क्या हमे अब IVF करवाना चाहिए?” 

Dr. Namita Kotia, Aastha Fertility Care की expert जिन्हें reproductive medicine और IVF में 18+ वर्षो का experience है, का कहना है कि IVF से पहले couples को IUI की जरूरत होती है।

American Society of Reproductive Medicine के अनुसार IUI को unexplained infertility के लिए first-line treatment माना जाता है और प्रति cycle pregnancy success rate करीब 15-20% तक होती है।

हालांकि WHO की latest रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 6 में से 1 कपल infertility से जूझ रहा है पर Dr. Namita Kotia का कहना है कि proper diagnosis और timing के साथ IUI काफी effective हो सकती है।

यदि आप भी बच्चे के लिए try कर रहे हैं और IUI को लेकर confused हैं तो इस blog के अंत तक आपके सभी doubts clear हो जायेंगे जैसे iui kya hota hai, कैसे काम करता है, और कब यह आपके लिए right choice हो सकता है।

IUI Kya Hota h
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IUI Kya Hota Hai

IUI अर्थात Intrauterine Insemination, यदि आसान शब्दों में कहा जाए तो IUI एक ऐसी reproductive technique है जिसके माध्यम से specially prepared और washed sperms को एक पतली नाली के माध्यम से directly uterus में inject किया जाता है।

कई बार couples को लगता है IUI बहुत बड़ी surgery है, परन्तु सच ये है की ये एक simple procedure है जिसमे male का sperm collect करके उसे lab में wash और concentrate किया जाता है और सही time मॉनिटर करके उन तैयार sperms को catheter के through uterus में place कर दिया जाता है।

Journal of Human Reproductive Sciences तथा Oxford Academic में प्रकाशित एक research के अनुसार Intrauterine Insemination (IUI) से गर्भधारण के chances natural conception की तुलना में 3-4 गुना अधिक होते हैं, खासकर unexplained fertility के case में।

IUI Kaise Kaam Karta Hai?

IUI की प्रक्रिया जटिल नही होती पर इसमें कई चरण होते हैं और हर चरण का IUI की सफलता में बहुत important योगदान होता है। 

आइये जानते हैं कि IUI कैसे काम करता है!

Step 1. Initial Assessment

IUI का सबसे पहला step होता है पेशेंट का अच्छे से निरीक्षण। निरीक्षण के दौरान दोनों male और female partner की medical history और physical examination किया जाता है। 

महिला के हॉर्मोन tests जैसे FSH, LH, AMH, और Prolactin और male partner का semen analysis किया जाता है। साथ ही Fallopian Tube सही से काम कर रही है या नही ये पता लगाने के लिए HSG (Hysterosalpingography)  तथा Ovaries का परीक्षण करने के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है।

Dr. Namita Kotia का कहना है की proper assessment (सही मूल्यांकन) IUI success का 50% फैक्टर है। 

Step 2. Ovarian Stimulation

Proper assessment के बाद next step होता है अधिक eggs बनने के लिए (अधिक ovulation के लिए) ovaries stimulation की medicines देना। इस process के दौरान महिला को कुछ medicines दी जाती है और फिर अल्ट्रासाउंड की मदद से regular monitoring की जाती है जिससे ये सुनिश्चित किया जा सके कि सही से अंडाणु विकसित हो रहे हैं या नही। 

कई मामलों में अंडाणु को mature करने के लिए hCG injections भी दिए जाते हैं। 

Step 3. Sperm Preparation & Lab Processing

जब महिला के शरीर में अंडाणु पूरी तरह विकसित हो जाते है तो male partner से sperms collect किये जाते हैं। Collect किये गए शुक्राणुओं को लैब में process किया जाता है जिसमे sperm को wash करने और तैयार करने की अलग अलग technique शामिल होती है जैसे swim-up method, remove debris और dead sperm, और concentrate healthy sperms। 

इन तकनीकों के माध्यम से ये सुनिश्चित किया जाता है कि female partner के गर्भाशय में सिर्फ स्वस्थ और गतिशील sperms को ही डाला जाए और गर्भधारण के chances को और बढ़ाया जा सके। 

Step 4. Insemination Procedure

ये IUI का  सबसे महत्वपूर्ण step होता है insemination अर्थात lab से प्राप्त तैयार sperms को female partner के गर्भाशय में डालना। 

इस प्रक्रिया के दौरान catheter (एक पतली tube) के माध्यम से sperms को महिला के गर्भाशय में डाला जाता है।  

इस प्रक्रिया में लगभग 5-7 min का समय लगता है। 


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Step 5. Rest and Recovery

Insemination procedure खत्म हो जाने के बाद IUI का एक बहुत important phase शुरू होता है जो IUI की सफलता निर्धारित करता है; proper monitoring और rest. चूँकि IUI के बाद महिला को हल्की ऐंठन और असुविधा हो सकती है इसलिए प्रक्रिया के कुछ समय बाद तक patient को आराम करने की सलाह दी जाती है।

साथ ही IUI की सफलता का पता लगाने के लिए 14 दिन बाद pregnancy test करने की सलाह दी जाती है जिससे गर्भधारण का पता लगाया जा सके। 

आईयूआई का उपयोग कब किया जाता है?

IUI के उपयोग के सन्दर्भ में Dr. Namita का अपने 18+ वर्षों के experience को आधार बनाकर कहती हैं कि IUI कुछ specific conditions में बहुत effective होता है। आइये जानते हैं वो कौन कौनसे factors है जब डॉक्टर्स द्वारा IUI कंसीडर किया जाता है। 

1. Male Factor Infertility

Male factor infertility उस condition को कहा जाता है जब infertility होने का कारण male हो। इसकी कुछ निम्नलिखित condition है:

1. Mild Oligospermia: यह वह स्थिति है जब पुरुष के semen में sperm की मात्रा सामान्य से थोड़ी कम होती है। Normally 1 ml semen में शुक्राणुओं की संख्या 15 million से अधिक होनी चाहिए। यदि इससे कम होती है तो conception में परेशानी होती है।

2. Asthenospermia: Asthenospermia की अवस्था में semen के अंदर मौजूद शुक्राणुओं की motility (natural movement) हो जाती है और ये eggs तक नही पहुँच पाते।  

3. Poor Sperm Morphology: यदि sperms की shape और structure सही न हो तब भी pregnancy में समस्याएं आती है इस स्थिति को poor sperm morphology कहा जाता है।  

4. Other reasons: उपरोक्त conditions के अलावा भी ऐसी कुछ अवस्थाएं हैं जो male factor infertility के अंतर्गत आती हैं जैसे retrograde ejaculation, एक ऐसी condition जिसमे semen male की body से बाहर आने की बजाय bladder में enter हो जाता है।  

2. Cervical Factor Infertility

Cervical factor infertility वह स्थिति है जब cervical से जुडी समस्याएं pregnancy में बाधा बनती है। जैसे:

1. Cervical Stenosis: इस अवस्था में गर्भाशय की ग्रीवा (cervix) का मुंह बहुत संकरा हो जाता है जिससे pregnancy में समस्या उत्पन्न होती है।

2. Cervical Mucus: यदि महिला/ female partner का cervical mucus कमजोर या खराब गुणवत्ता का होता है तो शुक्राणुओं का naturally अंडाणु तक पहुचना मुश्किल होता है और conception में समस्या आती है। 

3. Cervical Surgeries: यदि female की पहले कोई cervical surgery हुई है तो वो भी गर्भधारण में रुकावट का कारण बनती है। 

चूँकि IUI में sperm को directly uterus में place कर दिया जाता है ऐसे में cervical से जुडी किसी भी समस्या का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। 

3. Ovulation Disorders

महिलाओं में ovulation disorders जैसे PCOS में ovulation न होना, पीरियड्स का अनियमित होना, mild endometriosis (uterus की lining का अनावश्यक रूप से बढना) आदि के कारण naturally pregnancy में समस्याएं आती है। इस cases में IUI करने से conception के chances बढाये जा सकते हैं।  

IUI ke Fayde

IUI के कई फायदे हैं जैसे:

1. Cost-effective Treatment

चूँकि IUI में जटिल surgery आदि शामिल नही होती है और ये  IVF जितना एडवांस नही होता इसलिए ये IVF की तुलना में काफी किफायती होता है

2. Less Invasive Procedure

IUI प्रक्रिया बहुत सरल और दर्द रहित होती है इसमें surgery आदि की कोई आवश्यकता नही होती है 

3. Natural Conception के High Chances

IUI में fertilization naturally fallopian tubes में होता है, जो natural conception के समान है। जो couples test tube baby नही चाहते उनके लिए IUI naturally conceive करना का सही विकल्प है।

4. Multiple Attempts Possible

चूँकि IUI में तुलनात्मक रूप से कम समय लगता है और recovery भी जल्दी हो जाती है इसलिए इसमें multiple attempts possible है।

5. Lower Risk of Multiple Pregnancies

IVF के comparison में IUI में twins or triplets के chances काफी कम होते हैं। ऐसे में जो couples naturally conceive करने में परेशानी का सामना कर रहे हैं और सिर्फ एक बच्चा चाहते हैं उनके लिए IUI एक वरदान की तरह है।

IUI ka Success Rate

IUI की success rate कई factors जैसे cycle, sperm quality, couple की age, infertility के कारण आदि पर निर्भर करती है। 

साधारणतः IUI की success rate 15-20% मानी जाती है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिनकी उम्र 35 वर्ष से कम हैं। जैसे जैसे उम्र बढती जाती है IUI की success rate कम होती जाती है। 

इसके अतिरिक्त American College of Obstetricians and Gynecologists के research data बताता है कि cumulative success rates काफी अच्छी होती है। 

अर्थात तीन IUI cycles के बाद success rate 40-50% तक पहुंच जाती है, और छह cycles complete करने पर यह 60-65% तक हो सकती है।

मतलब हम यह कह सकते हैं की IUI की सफलता में age और cycle एक बहुत important फैक्टर है। 

IUI ke baad kya karein?

हालांकि IUI एक minimum invasive procedure है  परन्तु फिर भी Dr. Namita द्वारा कुछ ख़ास सावधानियां और सुझाव बताये गए हैं ताकि success rate को बढाया जा सके। 

1. IUI के बद्द कुछ घन्टों तक आराम करना चाहिए जिससे sperms अच्छी तरह ovaries तक पहुँच सके। 

2. Heavy lifting, exercise और थकान आपकी IUI की success को प्रभावित कर सकते हैं इसलिए कुछ समय के लिए इन सबसे बचें और आराम करें। 

3. धूम्रपान और शराब का सेवन बिलकुल न करें ये आपकी pregnancy के chances को कम कर सकते हैं। 

4. मानसिक तनाव कम करने की कोशिश करें, क्योंकि तनाव की वजह से हार्मोन स्तर प्रभावित हो सकते हैं। 

5. यदि डॉक्टर्स द्वारा आपको कोई दवाएं आदि दी गयी है तो उन्हें समय पर लें क्यूंकि ये आपके implantation को support करके उसे successful बनाती है। 

6. IUI की प्रक्रिया के कुछ दिनों बाद pregnancy test करना ना भूले ये आपकी ये जाने में मदद करेगा कि IUI successful हुआ है या नही। 

IUI एक safe और cost-effective fertility treatment है जिसने कई couples के parenthood के ड्रीम को पूरा करने में मदद की है। इस ब्लॉग के माध्यम से आपने जाना की IUI Kya Hota Hai, ये कैसे कम करता है, परन्तु ये जानना भी जरुरी है की IUI के अतिरिक्त और भी ऐसी तकनीक है जैसे ICSI, IVF, आदि जिनके द्वारा आप successfully parent बन सकते हैं। 

यदि आप भी naturally conceive करने में परेशानी का सामना कर रहे हैं और parenthood achieve करना चाहते हैं तो आज ही Aastha Fertility Care से सम्पर्क करें। 

FAQs

1. क्या आईयूआई 100% सफल है?

IUI की सफलता cycle और age पर निर्भर करती है।  यदि दोनों male और female partners की age कम है और eggs quality अच्छी है तो IUI की सफलता के chances बढ़ जाते हैं।

2. आईयूआई सबसे सफल कब होता है?

चूँकि IUI का हर step महत्वपूर्ण है ऐसे में जरुरी है IUI की सफलता के लिए जरुरी है कि IUI का हर step ध्यानपूर्वक सावधानी से experts द्वारा किया गया हो।  साथ ही male और female partner की age और cycle भी IUI की सफलता निर्धारित करते हैं। 

3. मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा आईयूआई सफल है?

IUI का process पूरा होने के 14 दिन बाद आप pregnancy test के माध्यम से पता लगा सकती हैं कि IUI सफल हुआ है या नही। यदि result positive है तो IUI सफल है और यदि result negative है तो IUI असफल है।  इस सन्दर्भ में आप अपने expert से बात करें जिससे वो आपको next क्या step लेना है उसकी जानकारी दे सके। 

4. IUI karwane me dard hota hai?

IUI minimal-invasive procedure है अर्थात इसमें कोई surgery नही की जाती। परन्तु फिर भी महिला को पेट में हल्की ऐंठन आदि महसूस हो सकता है। 

5. IUI के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करें?

IUI करवाने के 14 दिन बाद pregnancy test करने से आपको सही परिणाम मिल सकते हैं कि IUI सफल हुआ है या नही। Early testing से परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।

6. Kya IUI completely safe hai?

Ha, IUI completely safe hai?
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Dr Namita Kotia
Dr. Namita Kotia (MBBS, MS – Obstetrics & Gynaecology) is a highly experienced IVF and Infertility Specialist with over 15 years of expertise in Assisted Reproductive Technology (ART). She completed her post-graduation from S.N. Medical College, Jodhpur, affiliated with the University of Rajasthan. As the Director of Aastha Fertility Care, Jaipur, Dr. Kotia specializes in advanced fertility treatments such as IVF, IUI, ICSI, and fertility preservation. Her patient-centric approach, combined with clinical excellence, has helped hundreds of couples achieve their dream of parenthood. Dr. Namita Kotia is also active in reproductive health education and awareness initiatives.

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