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ToggleIVF एक ऐसा फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है जिसके द्वारा हर तरफ से निराश हो चुके निसंतान जोड़ों को कृत्रिम तरीके से गर्भाधान करवाया जाता है |
IVF के द्वारा प्रेगनेंसी की सफलता दर 35% से अधिक होती है | बहुत से जोड़े जो की IVF Treatment करवाने का प्लान बना रहे है वे यह जानना चाहते है की IVF के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है |
IVF की सफलता इस बात पर निर्भर होती है की गर्भाशय में डाला गया निषेचित अंडा बच्चेदानी की दिवार से आरोपित हुआ है या नहीं | IVF ट्रीटमेंट में अधिकांश Process कृत्रिम रूप से कर ली जाती है | लेकिन निषेचित अंडे का गर्भाशय की दिवार से चिपकना यह पूरी तरह प्राकृतिक रूप से निर्भर होता है | IVF ट्रीटमेंट में महिला के फ़ैलोपिन ट्यूब से अंडे लेकर उन्हें पुरुष से प्राप्त किये गए शुक्राणु द्वारा लैब में ही निषेचित किया जाता है | जब अंडा निषेचित हो जाता है तो उसे कुछ दिन यानि की 2 से 3 दिनों के लिए लैब में रखा जाता है | इसके बाद उस निषेचित अंडे को गर्भाशय में एक नली द्वारा डाला जाता है | यह पूरी प्रक्रिया IVF कहलाती है | लेकिन प्रेगनेंसी के लिए जरुरी है की निषेचित अंडा बच्चेदानी की दीवार से चिपक जाये |
IVF के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है ?
जब निषेचित अंडा गर्भाशय की दीवार से चिपकता है तो वह भ्रूण के रूप में विकसित होने लगता है | यह भ्रूण एक हार्मोन रिलीज करता है जो की उसे गर्भाशय की दिवार से चिपकने और विकसित होने में मदद करता है | जब भ्रूण गर्भाशय में इम्प्लांट हो जाता है तो उसके 11 से 12 दिनों के बाद एचसीजी पाया जाता है | इसलिए अगर IVF के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है यह जानना हो तो भ्रूण इम्प्लांट के 14 से 15 दिन बाद जांचना चाहिए |
IVF के बाद प्रेगनेंसी के बारे में कैसे पता करें
प्रेगनेंसी जांचने के लिए एचसीजी टेस्ट सबसे सही उपाय है यह एक ब्लड टेस्ट होता है जिसमें एचसीजी हार्मोन का स्तर नापा जाता है | इसके अलावा आप घर में भी प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते है | लेकिन IVF के बाद प्रेगनेंसी जांचने के लिए ब्लड टेस्ट ही उपयुक्त होता है और इसे विश्वसनीय माना जाता है |
यदि आप घर पर अपनी प्रेगनेंसी टेस्ट करती है और वह पॉजिटिव आती है तो उसके बाद वेजाइनल अल्ट्रासॉउन्ड के द्वारा यह पता लग जाता है की आपका IVF ट्रीटमेंट सफल हुआ है या नहीं |
IVF के बाद प्रेगनेंसी के क्या लक्षण है ?
शरीर में किसी भी तरह के बदलाव होने पर हमारे शरीर में उसके लक्षण दिखाई देने लगते है | प्रेगनेंसी के बाद भी शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होने लगते है जिक्स प्रभाव आप के शरीर पर दिखाई देने लगता है | इस तरह आप इन लक्षणों को देखकर यह समझ सकती है की IVF ट्रीटमेंट सफल हुआ है या नहीं | तो आइये जानते है उन लक्षणों के बारे में जो आपको IVF Treatment उपचार के बाद दिखाई देते है |
रक्तस्त्राव – यदि IVF के द्वारा आपकी प्रेग्नेंसी सफल हुई है तो आपको इम्प्लांटेशन के एक सप्ताह बाद हल्की ब्लडिंग या स्पॉटिंग दिखाई दे सकती है जिससे यह पता चलता है की भूर्ण गर्भाशय की दीवार से सही तरह से प्रत्यारोपित हो गया है |
सरदर्द – प्रेगनेंसी के बाद शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने के कारण महिलाओं को अक्सर सरदर्द की शिकायत रहती है | तो यदि IVF ट्रीटमेंट के 3 सप्ताह बाद यदि महिला को दर्द होने लगे तो इससे IVF के द्वारा प्रेगनेंसी की सफलता की संभावना बढ़ जाती है |
पीरियड ना आना – यदि IVF ट्रीटमेंट करवाने के बाद आपको पीरियड नहीं आ रहे है तो यह भी IVF ट्रीटमेंट की सफलता का एक कारन है |
मूड चेंज – भ्रूण के सही इम्प्लांटेशन के बाद महिला के शरीर में कुछ हार्मोनल चेंज होने लगते है जिसके वजह से उनका मूड स्विंग हो सकता है | यानि की छोटी सी बाद पर उन्हें गुस्सा आना और थोड़े देर बाद ठीक हो जाना या उदास हो जाना इस तरह मूड स्विंग हो सकते है |
स्तनों में कोमलता – प्रेगनेंसी में हार्मोन के स्तर के बढ़ने के कारण स्तन कोमल हो जाते है | कई बार थोड़े से छूने पर दर्द हो सकता है |
थकान – प्रेगनेंसी के बाद शरीर में थोड़े से शारीरिक परिश्रम पर अधिक थकान हो सकती है |
निष्कर्ष
IVF ट्रीटमेंट एक सफल फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है जिसमें महिला की प्रेगनेंसी हिस्ट्री को जानकर समझकर उपचार किया जाता है | IVF के 14 से 15 दिन बाद कुछ टेस्ट के द्वारा यह जाना जा सकता है की IVF ट्रीटमेंट सफल हुआ है या नहीं | IVF ट्रीटमेंट सफल हो इसके लिए एक अच्छे फर्टिलिटी सेण्टर का चुनाव करना बेहद जरुरी है | आस्था फर्टीलिटी सेण्टर आज देश के सबसे सफल IVF सेण्टर में गिना जाता है | यहाँ पर जोड़ों को सही परामर्श देकर और उनके लिए कौनसी फर्टिलिटी तकनीक ठीक है उसके अनुसार उपचार किया जाता है | यहाँ के ट्रीटमेंट से अब तक बड़ी संख्या में कपल्स अपने बच्चे पाने की चाहत को पूरा कर पाए है |
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