प्रेगनेंसी के लिए एग का साइज कितना होना चाहिए जानिए पूरी जानकारी

प्रेगनेंसी की ख़ुशी उस महिला से अधिक कोई नहीं जान सकता जो इसका बेसब्री से इंतज़ार कर रही हो | लेकिन कई बार कुछ समस्याओं के कारण महिलाऐं प्रेगनेंट नहीं हो पाती है | जिसे की बाँझपन या निसंतता कहा जाता है | महिलाओं में बाँझपन का सबसे बड़ा कारण होता है, अंडाशय ( Ovaries ) में अंडो का सही तरह से विकसित नहीं हो पाना | बहुत सी महिलाऐं जो की अपना ईलाज करवा रही होती है उन्हें डॉक्टर से भी यह सुनंने को मिलता है की उनके अंडाशय में अंडे सही तरह से विकसित नहीं हो पा रहे है | 

ऐसे में वह जानना चाहती है की प्रेगनेंसी में एग का साइज कितना होना चाहिए | अगर आप भी इस सवाल का जवाब पाना चाहते है तो यह आर्टिकल शुरू से लेकर अंत तक पढ़ें | इसमें हम जानेंगे की pregnancy में Egg का size कितना होना चाहिए साथ ही यह भी जानेंगे की आप किन तरीको से अपने अण्डों का साइज जान सकती है और वह क्या उपाय है जिनके द्वारा महिलाऐं अपने अंडो की क्वालिटी को  बेहतर बना सकती है | 

अंडाशय में अण्डों का निर्माण कैसे और कब होता है ?

अधिकांश लोगों का मानना होता है महिलाओं में माहवारी के दौरान अंडाशय में अंडो का निर्माण होता है जो की पूरी तरह गलत है | आपको जानकारी हैरानी होगी की प्रत्येक महिला अपने अंडाशय में लगभग 20,00,000 अण्डों के साथ जन्म लेती है | जब वह अपनी युवावस्था यानि की जब महिला को माहवारी शुरू होने लगती है तब तक उसके अंडाशय में 3,00,000 अंडे बचते है |

हर बार इन अंडो में से कुछ अंडे परिपक्व होकर फ़ैलोपिन ट्यूब तक जाते है | जब पुरुष के शुक्राणु योनिद्वार से गर्भाशय से होते हुए महिला की फ़ैलोपिन ट्यूब में पहुंचकर अंडो को fertilize करते है | जहाँ से यह अंडे गर्भाशय में पहुंचते है और गर्भाशय की दिवार से चिपकते है इस पूरी प्रक्रिया को गर्भाधान कहते है | 

प्रेगनेंसी में अंडो का साइज कितनी होनी चाहिए 

प्रेगनेंसी के लिए जरुरी है की महिला के अंडाशय में से अंडे परिपक्व होकर शुक्राणु से निषेचित हो | अंडे के परिपक्व होने पर उनका साइज 18 से 22 MM के बीच होना चाहिए | अंडाशय में अंडे एक फॉलिकल में होते है जो की बहुत ही छोटे होते है और इन्हे केवल माइक्रोस्कोप द्वारा देखा जा सकता है |

फॉलिकल एक तरल द्रव की थैली होती है जिसमें अंडे तैरते रहते है | और सोनोग्राफी के द्वारा इन्ही फॉलिकल की साइज को नापा जाता है | प्रत्येक माहवारी से पहले कुछ अंडे परिपक्व होने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करते है इनमें से केवल एक अंडा ही स्वस्थ रूप से परिपक्व हो पाता है |

परिपक्व होने पर इसकी फॉलिकल की साइज 18 से 22 के बीच होती है | जब यह परिपक्व हो जाता है तो यह अंडा rupture होकर ट्यूब में आता है जहाँ पर यह शुक्राणु से निषेचित होता है | 

किस कारण से अंडे परिपक्व नहीं होते है ?

कई बार महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण अंडाशय में अंडे सही तरह से परिपक्व नहीं हो पाते है | लक्षणों के तौर पर यह उन महिलाओं में देखने को मिलता है जिनका अनियमित माहवारी की समस्या होती है |

ऐसे में अंडाशय में एक स्वस्थ अंडे का चयन नहीं हो पाते है और कुछ अंडे 12 से 14 mm त क ही विकसित हो पाते है | ऐसे में यह अंडे परिपक्व नहीं नहीं होने की वजह से rupture होकर फ़ैलोपिन ट्यूब तक नहीं पहुंच पाने की वजह से यह शुक्राणु से निषेचित नहीं हो पाते है | 

किस तरह से जांचा जाता है अंडाशय में अंडो की स्थिति को 

कई तरह के ब्लड सैंपल, सोनोग्राफी द्वारा अंडाशय की स्थिति को देखा जाता है | अधिकांश मामलों में यह समस्या पोलिसिस्टिक ओवेरी के कारन होती है जिसमें अंडाशय में छोटे छोटे सिस्ट बन जाते है |

जिसके वजह से हार्मोनल इम्बैलेंस होता है और इसका प्रभाव शरीर पर दिखने लगते है |  इसके कारण चेहरे और शरीर पर अनचाहे बाल उग आते है, वजन बढ़ने लगता है और कील मुँहासे होने लगते है | 

अंडो की क्वालिटी को अच्छा बनाने के लिए क्या करें 

यदि आप अपनी जीवन शैली में कुछ सकारात्मक बदलाव करते है तो आप अपने शरीर के हार्मोनल इम्बैलेंस की समस्या को दूर कर अंडे की अच्छी ग्रोथ को सुनिश्चित कर सकते है | इसके लिए आपको क्या उपाय करने होंगे जान लेते है – 

वजन नियंत्रित रखना – यदि आपका वजन अधिक बढ़ गया है तो आपको हार्मोनल इम्बैलेंस की शिकायत हो सकती है, जिसके कारन अंडाशय में अंडे सही तरह से नहीं बन पाते है | इसलिए अपने वजन को नहीं बढ़ने दे और मोटापा बढ़ाने वाले खानपान से बचें | 

नियमित व्यायाम करें – बहुत सी महिलाऐं शारीरिक रूप से बेहद निष्क्रिय रहती है जो की हार्मोनल इम्बैलेंस का बड़ा कारण है | इसलिए यदि आप नियमित वाकिंग और एक्ससरसाइज करती है तो यह आपको स्वस्थ बनाता है और आपके हार्मोन  संतुलित रहते है और अंडाशय में अंडो का सही तरह से ग्रोथ हो पाती है | 

पोषक आहार लें – आपका खानपान का प्रभाव आपके पुरे स्वास्थ्य पर रहता है इसलिए रोजाना प्रोटीन और फाइबर युक्त आहार लें | अपने भोजन में सब्जियां, दाल और फलों को शामिल करें | इससे हार्मोन संतुलित रहते है | 

नशे से दूर रहे –  महिलाओं को हार्मोन की समस्या और छोटे अंडो की समस्या से बचना है तो उन्हें धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचना चाहिए | यह महिलाओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते है और प्रजनन क्षमता को कम करते है | 

IVF द्वारा छोटे अण्डों की समस्या का समाधान 

यदि कोई महिला लम्बे समय से बच्चे पैदा करने के लिए प्रयत्न कर रही है लेकिन उन्हें बच्चे नहीं हो पा रहे है और जाँच में यह पता चला है की यह समस्या उनके अंडाशय में अंडो के सही तरह से परिपक्व नहीं हो पाने के कारण हो रही है तो उन्हें डॉक्टर IVF की सलाह दे सकते है | 

IVF के लिए सबसे पहले डॉक्टर महिला के कई तरह के Test करते है और फिर अंडो की समस्या के समाधान के लिए महिला को कुछ दवाइयां और इंजेक्शन दिए जाते है जिससे उनकी माहवारी नियमित हो पाती है | इसके बाद अंडे grow होने लगते है तब उन अंडो की ग्रोथ की मॉनिटरिंग की जाती है |

जब अंडे सही तरह ग्रो कर जाते है तो एक इंजेक्शन के द्वारा Rupture होने का संकेत दिया जाता है | इसके बाद उन परिपक्व अंडो को निकालकर लैब में पुरुष के शुक्राणु के साथ निषेचित करते है और 2 से 3 दिन बाद गर्भ में प्रत्यारोपित करते है | और इस तरह महिला गर्भवती हो पाती है और माँ बन पाती है | 

In vitro fertilization तकनीक के द्वारा आज ना जाने कितने जोड़ों ने बच्चा पाने की चाहत को पूरा किया है | यदि आप भी हर जगह से निराश हो गए है तो आप आस्था फर्टिलिटी सेण्टर पर आकर सही फर्टिलिटी उपचार पा सकते है | यहाँ पर आपको अच्छा माहौल के साथ ही आधुनिकतम उपकरणों और तकनीक द्वारा उपचार किया जाता है | अधिक जानकारी के लिए आस्था फर्टिलिटी की वेबसाइट पर विजिट करे |  

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Dr Namita Kotia

Dr. Namita Kotia (IVF specialist in Jaipur) attained her Master’s in Obstetrics and Gynecology from S.N. Medical College, Jodhpur affiliated to University of Rajasthan in 1997. She has more than 10 years experience in field of Assisted Reproductive Technology (ART).Presently at Aastha Fertility Care Dr. Namita along with her team is providing complete infertility work up and treatment options under one roof. Her aim is to provide proper guidance and treatment to Infertile couples at AFFORDABLE RATES.She is life member of Indian Academy of Human Reproduction (IAHR), Indian Society for Assisted Reproduction (ISAR), Federation of Obstetrics and Gynecology Society of India (FOGSI) and Jaipur Obstetrics Gynecology Society (JOGS). She has a number of publications in various journals and presentations at state and National level conferences to her credit.Dr. Namita is also recipient of best paper presentation viz “Diagnosis of Congenital Mullerian anomalies by three dimensional Transvaginal Sonography” awarded at “Kishori” Conference in Jodhpur (2000).

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