प्रेगनेंसी के लिए स्पर्म मोटिलिटी और स्पर्म कॉउंट कितनी होनी चाहिए जानिए पूरी जानकारी 

शादी के बहुत सालों तक बहुत कोशिश करने के बाद भी कई जोड़े पेरेंटिंग का सुख नहीं पा पाते है | ऐसे में मन में यह सवाल आना स्वभाविक है की किसी तरह की कोई समस्या तो नहीं | प्रेगनेंसी नहीं होने की वजह महिला या पुरुष दोनों में किसी तरह की शारीरिक समस्या हो सकती है | पुरुषों में स्पर्म की संख्या सही होने पर ही प्रेगनेंसी सही तरह से कंसीव हो पाती है | पुरुषों में स्पर्म मोटिलिटी कितनी होनी चाहिए यह एक ऐसा सवाल है जो की हर वह पुरुष जानना चाहता है जो की कई वर्षो से पिता बनने की कोशिश कर रहे है | तो आज के इस लेख में हम यह जानेंगे की प्रेगनेंसी के लिए स्पर्म कॉउंट कितना होना चाहिए | 

गर्भावस्था के लिए स्पर्म Motility कितनी होनी चाइये 

एक स्वस्थ पुरुष में प्रति मिलिलिटर 40 लाख से 110 लाख तक स्पर्म कॉउंट होता है और उनकी गतिशीलता  ( motility)  मिनिमम 60 होती है | लेकिन यदि पुरुष के प्रति मिलीलीटर 20 लाख शुक्राणु है और उनकी गतिशीलता ( Motility )  40 भी है तो प्रेगनेंसी हो पाती है |  जब पुरुष अपनी पार्टनर महिला के साथ सेक्स करता है तो उसके स्पर्म महिला के योनिद्वार से अंदर चले जाते है | यह स्पर्म बच्चेदानी से होते हुए फ़ैलोपिन ट्यूब में जाते है जहाँ पर वह अंडो को निषेचित करते है | लेकिन स्पर्म की अंडे तक पहुंचने की यह यात्रा बहुत कठिन होती है और केवल कुछ ही स्पर्म अंडे तक पहुंच पाते है, जिनमें से एक शुक्राणु ही अंडे को निषेचित कर पाता है | 

पुरुष में शुक्राणुओं की संख्या जितनी कम होती है, उतनी ही कम सम्भावना अपने पार्टनर को गर्भवती करने की होती है | इसलिए यदि किसी पुरुष को इस तरह की समस्या है तो उन्हें इसके लिए डॉक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए | डॉक्टर कुछ दवाइयों के द्वारा स्पर्म की क्वालिटी सुधारने एवं उनकी संख्या में बढ़ोत्तरी करते है | यदि पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी है और उनकी गति कम है तो ऐसे में यदि वे अपने पार्टनर को प्रेगनेंट नहीं कर पा रहे है तो इसके लिए डॉक्टर विभिन्न फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की सलाह देते है | 

स्पर्म मोटिलिटी कम होने पर IUI ट्रीटमेंट 

पुरुषों में स्पर्म मोटिलिटी कम होने पर डॉक्टर IUI ट्रीटमेंट द्वारा प्रेगनेंसी को सफल बनाते है | IUI treatment में पुरुषों के स्पर्म से शुक्राणुओं को लेकर उन्हें साफ़ किया जाता है और उनमें से अच्छे Quality के स्पर्म लेकर उन्हें सीधे गर्भाशय में डाला जाता है | इसके बाद यह बेहतर motility sperm महिला की फ़ैलोपिन ट्यूब में जाकर अंडे  को निषेचित करते है और यह निषेचित अंडा फ़ैलोपिन ट्यूब से गर्भाशय में आकर  दिवार से चिपक जाता है | लेकिन IUI ट्रीटमेंट में केवल शुक्राणु को गर्भाशय को छोड़ने की प्रक्रिया कृत्रिम रूप से की जाती है, बाकि सारी प्रक्रिया प्राकृतिक रूप से होता है इसलिए इसमें सफलता की दर भी केवल 10 से 15 प्रतिशत तक होती है | 

Sperm Motility कम होने पर IVF ट्रीटमेंट 

फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के रूप में IVF आज सबसे सफल उपचार के रूप में माना जाता है | शुक्राणु की गतिशीलता ( Sperm Motility ) कम होने पर IVF प्रक्रिया एक अच्छा विकल्प माना जाता है |  IVF प्रक्रिया में पुरुष के स्पर्म को लेकर उन्हें साफ़ किया जाता है और इसके बाद महिला की फ़ैलोपिन ट्यूब से अंडे को प्राप्त किया जाता है और फिर लैब में अच्छी क्वालिटी के शुक्राणु के साथ अंडे को फर्टिलाइज करवाया जाता है | इसके बाद 2 से 3 दिन लैब में रखने के बाद उसे गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है | यहाँ जब यह अंडा गर्भाशय की दिवार से चिपक जाता है तो गर्भाधान की प्रक्रिया पूरी होती है | 

निष्कर्ष

IUI और IVF ट्रीटमेंट के उपचार के द्वारा पुरुषों की स्पर्म कॉउंट कम होने और Sperm motility कम होने पर IUI और IVF Treatment द्वारा उपचार किया जाता है | यदि आपको भी स्पर्म मोटिलिटी या स्पर्म कॉउंट से सबंधित प्रॉब्लम है तो आज ही आस्था फर्टिलिटी Center आकर अपना सही उपचार करवाएं | यहाँ से अभी तक बड़ी संख्या में लोगों की शारीरिक परेशानियों को दूर कर और आधुनिक फर्टिलिटी ट्रीटमेंट द्वारा आपके पैरंट्स बनने के सपनों को पूरा किया जाता है | 

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Dr Namita Kotia

Dr. Namita Kotia (IVF specialist in Jaipur) attained her Master’s in Obstetrics and Gynecology from S.N. Medical College, Jodhpur affiliated to University of Rajasthan in 1997. She has more than 10 years experience in field of Assisted Reproductive Technology (ART).Presently at Aastha Fertility Care Dr. Namita along with her team is providing complete infertility work up and treatment options under one roof. Her aim is to provide proper guidance and treatment to Infertile couples at AFFORDABLE RATES.She is life member of Indian Academy of Human Reproduction (IAHR), Indian Society for Assisted Reproduction (ISAR), Federation of Obstetrics and Gynecology Society of India (FOGSI) and Jaipur Obstetrics Gynecology Society (JOGS). She has a number of publications in various journals and presentations at state and National level conferences to her credit.Dr. Namita is also recipient of best paper presentation viz “Diagnosis of Congenital Mullerian anomalies by three dimensional Transvaginal Sonography” awarded at “Kishori” Conference in Jodhpur (2000).

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