बच्चेदानी में सूजन है तो दूर रहे इन 5 चीजों से वरना मुश्किल हो सकती है

आज के तनावपूर्ण जीवन में महिलाओं को स्वास्थ्य सम्बन्धी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है| कुछ समस्याएं तो ऐसी होती है जिनका न सिर्फ अंदाजा लगाना मुश्किल होता है बल्कि लम्बे समय पर वे काफी तकलीफदेय भी होती हैं| 

ऐसी ही एक प्रमुख समस्या है बच्चेदानी में सूजन| यदि आप जागरूक हों कि आपको क्या करना चाहिए क्या नहीं उदाहरण के लिए जैसे बच्चेदानी में सूजन हो तो क्या परहेज करना चाहिए, तो इस समस्याओं से निपटना आसान हो जाता है| 

World Health Organization के एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया में लगभग 10% महिलाएं (190 million) अपने जीवन में किसी न किसी समय बच्चेदानी में सूजन की समस्या से जूझती हैं| बच्चेदानी में सूजन न सिर्फ आपके दैनिक जीवन को प्रभावित करती है बल्कि लम्बे समय तक दर्द के साथ आपकी गर्भधारण की क्षमता को भी प्रभावित करती है|

आस्था फर्टिलिटी केयर की विशेषज्ञ डॉ नमिता कोटिया बताती हैं की हलाकि बच्च्चेदानी की सूजन का कोई प्रमाणित इलाज नहीं है परन्तु शुरूआती स्तर पर पता लगाके तथा खान पान की आदतों  में सुधार करके इस समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है|

चलिए एक ब्लॉग के द्वारा विस्तार से जानते हैं की बच्चेदानी में सूजन हो तो क्या परहेज करना चाहिए|

बच्चेदानी की सूजन क्या है?

बच्चेदानी की सूजन वह अवस्था है जब गर्भाशय का आकर बढ़ जाता है एवम इसके भीतरी भाग में किसी संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है| बच्चेदानी में सूजन को Endometritis या Bulky uterus भी कहा जाता है|

पैरों में सूजन, पेट के निचले हिस्से या आसपास के क्षेत्र में दर्द, कब्ज, जलन, मुंहासे, अचानक से वजन बढ़ना, पीरियड्स न होने के बावजूद ब्लीडिंग होना आदि बच्चेदानी में सूजन के आम लक्षण है|

बच्चेदानी में सूजन है तो इन 5 चीजों से परहेज करे 

हलाकि गर्भाशय में सूजन कई कारणों से हो सकती है और ऐसे में विशेषज्ञ का परामर्श अत्यंत आवश्यक है परन्तु कुछ खान पान के कुछ साधारण बदलाव व परहेज भी आपकी स्थिति को सुधारने में सहायक हो सकते हैं| 

कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो सूजन को बढ़ा सकते हैं और आपकी स्थिति को और भी बिगाड़ सकते हैं। इसलिए ये जानना जरुरी है कि बच्चेदानी की सूजन में क्या क्या नहीं खाना चाहिए अर्थात बच्चेदानी में सूजन हो तो क्या परहेज करना चाहिए|

1. दूध या डेयरी प्रोडक्ट्स न खाएं

डेयरी प्रोडक्ट्स में मौजूद प्रोटीन और लैक्टोज बच्चेदानी की सूजन को बढ़ा सकते हैं। डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन शरीर में इन्फ्लेमेशन को बढ़ा सकता है तथा जब बच्चेदानी में सूजन होती है तो ये स्थिति को बदतर बना सकते हैं । विशेषकर पनीर, मक्खन, और क्रीम जैसे उत्पाद अधिक नुकसानदायक हो सकते हैं क्योंकि इनमे सैचुरेटेड फैट और प्रोटीन  मौजूद होता हैं जिससे शरीर में सूजन बढती है|

इसलिए ध्यान रखें:

  • दूध से बनी मिठाइयों से परहेज करें 
  • क्रीम और मलाई का सेवन सीमित करें
  • फुल-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स से बचें

इसके बजाय आप सोया दूध, बादाम दूध या नारियल दूध जैसे विकल्पों का चयन कर सकती हैं। ये विकल्प न केवल स्वास्थ्यवर्धक हैं बल्कि सूजन को कम करने में भी मदद करते हैं।

2. प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन न करें

प्रोसेस्ड फूड्स हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं| विशेष रूप से जब बच्चेदानी में सूजन हो तो ये और अधिक नुक्सान करते हैं| नमकीन, चिप्स, colddrink, icecream, आदि खाद्य पदार्थ कृत्रिम रंगों, प्रिजर्वेटिव्स और अतिरिक्त नमक से भरपूर होते हैं।

ये सभी तत्व शरीर में सूजन को बढ़ाते हैं और प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रोसेस्ड फूड्स में मौजूद ट्रांस फैट और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स हार्मोनल बैलेंस को भी बिगाड़ते हैं।

इसलिए ध्यान रखें:

  • पैकेज्ड स्नैक्स से परहेज करें 
  • रेडी-टू-ईट मील्स से बचें
  • अपने खाने की चीजों में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का उपयोग न करें

इसके बजाय ताज़ा एवम घर का बना खाना खाएं|

3.एल्कोहल का सेवन करने से बचें

एल्कोहल न केवल शरीर को डिहाइड्रेट करता है बल्कि हार्मोनल असंतुलन भी पैदा करता है। यह लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है, जो हार्मोन्स के नियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एल्कोहल के सेवन से एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है, जो बच्चेदानी की सूजन को और बढ़ा सकता है।

इसलिए यदि आपको बच्चेदानी में सूजन की समस्या हो तो एल्कोहल के सेवन से पूरी तरह दूर रहे|

इसके बजाय आप नींबू पानी, नारियल पानी या हर्बल टी का सेवन करें। ये पेय पदार्थ शरीर को हाइड्रेटेड रखने के साथ-साथ डिटॉक्सीफिकेशन (Detoxification) में भी मदद करते हैं।

4. चाय या कॉफी का सेवन न करें

कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन बच्चेदानी की सूजन को बढ़ा सकता है और चाय व कॉफ़ी में काफी मात्रा में कैफीन मौजूद होता है|

कैफीन न सिर्फ शरीर को डिहाइड्रेट करता है बल्कि हार्मोन्स के संतुलन को भी बिगाड़ता है। इससे सूजन बढ़ने के साथ साथ नींद की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। कैफीन एंजाइटी (Anxiety) को भी बढ़ा सकता है, जो सूजन की स्थिति को और खराब कर सकता है।

इसलिए ध्यान रखें:

  • चाय और कॉफ़ी का सेवन कम करें या बिलकुल ही न करें|
  • खुद को hydrated रखने के लिए पानी पीतें रहे|

इनके स्थान पर तुलसी की चाय, अदरक की चाय या चमेली की चाय जैसे हर्बल विकल्पों का चयन करें। ये प्राकृतिक विकल्प सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

5. फ्रोजन फूड्स

फ्रोजन फूड्स (frozen foods) अर्थात Frozen Berries, Vegetables, Cakes, आदि  में अत्यधिक मात्रा में सोडियम और प्रिजर्वेटिव्स पाए जाते हैं। ये तत्व शरीर में सूजन को बढ़ाते हैं और बच्चेदानी की स्थिति को और खराब कर सकते हैं। 

इसके अतिरिक्त फ्रोजन फूड्स में प्राकृतिक पोषक तत्वों की कमी होती है और अक्सर अनहेल्दी फैट्स भी शामिल होते हैं। इन खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

इनके बजाय ताजा, मौसमी और जैविक भोजन का सेवन करें। अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और ताजे फल शामिल करें।

Conclusion

बच्चेदानी में सूजन एक गंभीर समस्या है और विशेषज्ञ से परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है लेकिन फिर भी सही खान-पान और जीवनशैली में बदलाव इस पर नियंत्रण पाने की पहली सीढ़ी होती है। 

उपरोक्त बताई गई चीजों से परहेज करने के साथ-साथ नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन भी इस स्थिति से निपटने के लिए बहुत फायदेमंद है। 

इस लेख में से यह जानकर कि बच्चेदानी में सूजन हो तो क्या परहेज करना चाहिए तथा क्या क्या नहीं खाना चाहिए और उसका पालन करके आप अपनी स्थिति में सुधार ला सकती हैं। 

याद रखें, हर महिला की शारीरिक प्रतिक्रिया अलग-अलग हो सकती है, इसलिए किसी भी बड़े परिवर्तन से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें। 

यदि आप बच्चेदानी में सूजन की समस्या से जूझ रही हैं, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें। आशा फर्टिलिटी सेंटर में हम आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने के लिए तत्पर हैं।

Picture of Dr Namita Kotia

Dr Namita Kotia

Dr. Namita Kotia (IVF specialist in Jaipur) attained her Master’s in Obstetrics and Gynecology from S.N. Medical College, Jodhpur affiliated to University of Rajasthan in 1997. She has more than 10 years experience in field of Assisted Reproductive Technology (ART). Presently at Aastha Fertility Care Dr. Namita along with her team is providing complete infertility work up and treatment options under one roof. Her aim is to provide proper guidance and treatment to Infertile couples at AFFORDABLE RATES. She is life member of Indian Academy of Human Reproduction (IAHR), Indian Society for Assisted Reproduction (ISAR), Federation of Obstetrics and Gynecology Society of India (FOGSI) and Jaipur Obstetrics Gynecology Society (JOGS). She has a number of publications in various journals and presentations at state and National level conferences to her credit. Dr. Namita is also recipient of best paper presentation viz “Diagnosis of Congenital Mullerian anomalies by three dimensional Transvaginal Sonography” awarded at “Kishori” Conference in Jodhpur (2000).

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