आईयूआई फेल होने के कारण क्या है ?(iui fail hone ke karan)

iui fail hone ke karan

जो जोड़े बच्चे की चाहत रखते है लेकिन उन्हें इसमें किसी तरह सफलता नहीं मिलती है ऐसे में वे Fertility Treatment करवाने के  बारे में विचार करते है | ऐसे में doctors भी IUI या IVF ट्रीटमेंट की सलाह देते है| लेकिन कई बार जब बहुत से प्रयासों के बाद भी आईयूआई सफल नहीं होती है तो ऐसे में जोड़े निराश हो जाते है | उन्हें समझ नहीं आता की आईयूआई के फेल होने का कारण (iui fail hone ke karan) क्या है | वह सोचते है की जब फॉलिकल से Egg सही तरह से Rupture हो गया था और IUI ट्रीटमेंट भी कर दिया गया तो फिर IUI फेल कैसे हो गया | 

IUI अगर असफल हो जाती है तो इसमें जोड़ों को निराश होने की जरुरत नहीं है | आईयूआई की असफलता की कई वजह हो सकती है जिन्हें आपको जानना बेहद जरुरी है | लेकिन इससे पहले आपके लिए यह जानना जरुरी है की IUI की सफलता दर कितनी होती है ,सामान्य प्रेगनेंसी कैसे होती है, IUI में किस तरह उपचार किया जाता है | 

आईयूआई उपचार में सफलता दर कितनी होती है ? 

आशावादी होना अच्छा है लेकिन जब भी आप किसी तरह का उपचार करवाने जा रहे है तो उसकी Process और सफलता के बारे में जान लेना आवश्यक है | लेकिन कई बार जोड़े भी अपने मन की बात डॉक्टर से नहीं पूछ पाते है | और कुछ मामलों में डॉक्टर भी मरीज को पूरी जानकारी नहीं देते है | IUI उपचार एक सामान्य Fertility Process है जिसमें अधिकांश Process Natural होता है जिसकी वजह से इसकी सफलता की दर केवल 10 से 15% तक होती है | 

प्रेगनेंसी कैसे कंसीव होती है ?

IUI उपचार की सफल और असफल क्यों होते है इसके लिए आपको पहले यह जानना जरुरी है की नार्मल प्रेगनेंसी कैसे होती है |  जब महिला प्रेगनेंट होती है तो इसके कई चरण होते है | यदि किसी भी चरण में किसी भी तरह की कोई दिक्कत आती है तो ऐसे में प्रेगनेंसी नहीं हो पाती है | 

सबसे पहले महिला के अंडाशय के फॉलिकल में अंडा  होता है जब अंडा परिपक्व हो जाता है तो वो Follicle से बाहर आता है और fallopian Tube में जाता है | Failopin Tube अंडे को तब तक रोककर रखती है जब तक की शुक्राणु आकर उससे निषेचित नहीं हो जाता | जब अंडा शुक्राणु से निषेचित हो जाता है तब वह फ़ैलोपिन ट्यूब से निकलकर गर्भाशय में आता है और गर्भाशय की दिवार से चिपक जाता है | इस अवस्था में प्रेगनेंसी होती है | 

IUI Treatment में क्या किया जाता है ? 

आईयूआई फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में केवल 2 Process में कृत्रिम रूप से उपचार किया जाता है | पहला तो सोनोग्राफी करके देखा जाता है की Follicle में सही तरह से blood का Circulation हो रहा है या नहीं | जब Doctors को लगता है की Follicle में egg सही तरह से परिपक्व हो गए है तो डॉक्टर फॉलिकल से अंडो को अलग होने के लिए महिला को इंजेक्शन लगाते है |

Egg बहुत ही छोटा होता है और उसे सोनोग्राफी से देखना संभव नहीं होता है | इसके बाद Fallopian ट्यूब अंडे को अपने अंदर खींच लेती है | यहाँ पर अंडा तब तक रहता है जब तक की शुक्राणु से उसका निषेचन नहीं हो जाता | यह पूरी प्रक्रिया बहुत ही बारीक स्तर पर होती है जिसे की किसी भी तरह देखा नहीं जा सकता है और प्रभावित नहीं किया जा सकता है | 

IUI उपचार में पुरुष साथी से शुक्राणु लेकर उन्हें साफ़ किया जाता है और अच्छी क़्वालिटी के शुक्राणु को कृत्रिम तरीके से गर्भाशय में डाला जाता है | जहाँ से यह फ़ैलोपिन ट्यूब में पहुंचते है जहाँ पर यह अंडो के साथ निषेचित होते है | यदि किसी वजह से यह शुक्राणु अंडो से निषेचित नहीं हो पाते है तो ऐसे में IUI प्रक्रिया फेल हो जाती है | 

IUI Treatment के फेल होने के कारन 

IUI उपचार में केवल 10 % प्रोसेस ही कृत्रिम रूप से होती है बाकी सारी प्रोसेस नेचुरल होती है इसलिए उसकी सफलता और असफलता पर डॉक्टर्स भी कुछ नहीं कर सकते है | IUI उपचार में असलफता के क्या कारण हो सकते है – 

  • यदि इंजेक्शन देने के बाद भी अंडा फॉलिकल से सही तरह से अलग नहीं हो पाता है| 
  • यदि महिला की उम्र अधिक है और अंडाशय में अंडो परिपक्व नहीं हो पा रहे है | 
  • अंडो को Follicle से अलग होने के बाद Fallopian ट्यूब में जाती है | यदि किसी कारन से  अंडे फ़ैलोपिन ट्यूब तक नहीं पहुंचते है | 
  • यदि फ़ैलोपिन ट्यूब में रूकावट है और IUI ट्रीटमेंट द्वारा डाले गए शुक्राणु फ़ैलोपिन ट्यूब में नहीं जा पाते है जिसके कारण वह अंडो से निषेचित नहीं हो पाते है | 
  • यदि शुक्राणु अंडे तक तो पहुंच गए है लेकिन अंडे की बाहरी परत को भेद नहीं पाते है तो ऐसे में भी Fertilization नहीं हो पाता है |
  • अंडाशय से अंडे जाकर फ़ैलोपिन ट्यूब में 12 से 24 घंटे के लिए रुकते है यदि इस समय में शुक्राणु को गर्भाशय में नहीं ट्रांसफर किया जाता है तो ऐसे में भी फर्टिलाइज़ेशन नहीं हो पाता है | 
  • यदि अंडो से शुक्राणु निषेचित हो जाते है लेकिन किसी कारन से वह गर्भाशय में आकर उसकी दीवार से चिपक नहीं पाते है तो ऐसे में भी IUI ट्रीटमेंट फ़ैल होता है और Fertilization नहीं हो पाता है | 

IUI की सफलता के लिए क्या करें 

यदि आप चाहते है  की आपका IUI ट्रीटमेंट सफल हो तो इसके लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए | 

  • सबसे महत्वपूर्ण है की आपको सबसे अच्छे डॉक्टर्स और फर्टिलिटी सेण्टर को चुनना चाहिए | 
  • तनाव मुक्त रहना चाहिए | 
  • पोषक तत्वों युक्त भोजन करना चाहिए | 
  • पूरी नींद लेनी चाहिए | 
  • हल्का फुल्का व्यायाम करना चाहिए | 
  • डॉक्टर्स  के द्वारा बताई गयी दवाओं को समय बताये गए समय पर लेना चाहिए |
  • धूम्रपान और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए |  
  •  वजन को अधिक नहीं होने दें | 

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IUI फेल होने के बाद क्या करें ?

IUI उपचार में सफलता की दर कम है और यदि IUI ट्रीटमेंट फेल हो जाता है तो आप डॉक्टर की सलाह से एक बार और यह उपचार ले सकती है | दूसरी बार में इसकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है | IUI के फेल होने के बाद आप IVF जैसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट ले सकते है इसमें सफलता की सम्भावना अधिक होती है |

IUI उपचार की सफलता दर क्या है ?

पहली बार में IUI उपचार की सफलता दर 12 से 15% होती है | लेकिन दूसरी और तीसरी बार में इसका सफलता का प्रतिशत बढ़ जाता है |

IUI के लिए शुक्राणुओं की संख्या कितनी होनी चाहिए ?

IUI उपचार से निषेचन करने के लिए पुरुष में शुक्राणुओं की संख्या 15 से 20 लाख होनी चाहिए | अगर शुक्राणुओं की संख्या कम है तो डॉक्टर सीधे वृषण से भी शुक्राणुओं को लेकर IUI उपचार करते है |

निष्कर्ष 

यदि आप इन सभी बातों का ख्याल रखते है तो IUI की सफलता अधिक होती है | वैसे आपको ध्यान रखना चाहिए की IUI में सफलता की दर 10 से 15% तक ही होती है | ऐसे में यदि आपको IUI ट्रीटमेंट में सफलता नहीं मिलती है तो आपको IVF पर विचार करना चाहिए | IUI में केवल शुक्राणु को गर्भाशय में डाला जाता है और बाकि की पूरी प्रक्रिया पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं होता है | जबकि IVF उपचार में अंडो से शुक्राणु के निषेचन की प्रक्रिया भी लैब में की जाती है इसलिए इसकी सफलता की दर भी 35 से 50% तक होती है | इसलिए आप आशावादी रहे और सही फर्टिलिटी सेण्टर में उपचार करवाएं | 

परामर्श ले एवं उपचार करवाएं 

यदि आपको IUI ट्रीटमेंट में सफलता नहीं मिली है तो आप आस्था फर्टिलिटी सेण्टर पर आकर बेहतर उपचार ले सकते है | हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर आपको फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए सही सलाह देंगे | हमारे यहाँ से बड़ी संख्या में जोड़े अपना सफल फर्टिलिटी उपचार करवा चुके है और आज अपने बच्चों के साथ अपना सुखी जीवन बिता रहे है | 

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Dr Namita Kotia
Dr. Namita Kotia (MBBS, MS – Obstetrics & Gynaecology) is a highly experienced IVF and Infertility Specialist with over 15 years of expertise in Assisted Reproductive Technology (ART). She completed her post-graduation from S.N. Medical College, Jodhpur, affiliated with the University of Rajasthan. As the Director of Aastha Fertility Care, Jaipur, Dr. Kotia specializes in advanced fertility treatments such as IVF, IUI, ICSI, and fertility preservation. Her patient-centric approach, combined with clinical excellence, has helped hundreds of couples achieve their dream of parenthood. Dr. Namita Kotia is also active in reproductive health education and awareness initiatives.

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