IVF के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कब होता है और इसे कैसे करवाएं ?

यदि किसी ने IVF फर्टिलिटी ट्रीटमेंट करवाया है, तो IVF ट्रीटमेंट के बाद पहले दिन से ही  उसके मन में यह जानने की उत्सुकता हो जाती है की IVF ट्रीटमेंट सफल हुआ है या नहीं | IVF के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट के जरिये  IVF ट्रीटमेंट के द्वारा गर्भधारण की सफलता और असफलता को जाना जा सकता है |

IVF एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा वे जोड़े जो सामान्य रूप से माँ बाप बनने के सुख से वंचित है, उन्हें कृत्रिम रूप से गर्भाधान करवाया जाता है और उनके माँ बाप बनने के सपने को पूरा किया जाता है | IVF ट्रीटमेंट आज के समय निसंतान लोगो के लिए वरदान है | IVF प्रक्रिया में पुरुष के स्पर्म और महिला के अंडे को लेकर उन्हें इन्क्यूबेटर में कृत्रिम रूप से फर्टिलाइज किया जाता है | जब सही तरह से अंडे फर्टिलाइज हो जाते है, उसके बाद 2 से 3 दिन के लिए उन्हें लैब में ही रखा जाता है फिर उसके बाद उन्हें गर्भाशय में छोड़ा जाता है |

निषेचन की यहाँ तक की पूरी प्रक्रिया कृत्रिम रूप से की जाती है, लेकिन इसके बाद भ्रूण के गर्भाशय की दिवार से आरोपित होने की प्रक्रिया प्राकृतिक रूप से संपन्न होती है | यदि यह निषेचित अंडा गर्भाशय की दिवार से चिपक जाता है, तो उसका विकास होने लगता हैऔर गर्भधारण की प्रक्रिया सफल रूप से संपन्न हो जाती है | और यदि यह निषेचित अंडा दिवार से प्रत्यारोपित नहीं हो पाता है तो IVF के द्वारा गर्भधारण की प्रक्रिया असफल हो जाती है | 

विज्ञान और तकनीक के द्वारा IVF के डॉक्टर सफलता की सम्भावना को अधिकतम करने  की कोशिश करते है | IVF के द्वारा सफलता की दर 35 से 40% तक रहती है | 

IVF के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट 

IVF की सफलता और असफलता को जानने के लिए आप निम्नलिखित टेस्ट करवा सकते है –

IVF प्रेगनेंसी के लिए यूरिन टेस्ट – 

IVF के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए यह एक सामान्य यूरिन टेस्ट है, इसके लिए आप मार्किट में मिलने वाली प्रेगनेंसी किट से इसे कर सकते है | IVF के बाद जब भ्रूण गर्भाशय में स्थापित हो जाता है तो वह बीटा HCG को छोड़ने लगता है | यह HCG हार्मोन गर्भाशय में अंडा प्रत्यारोपित होने के 6 दिन बाद बनने लगता है | प्रेगनेंसी का पता करने के लिए 11 से 14 दिन के बाद यह टेस्ट करना चाहिए | लेकिन इस परिक्षण की तुलना में ब्लड टेस्ट को ज्यादा विश्वसनीय माना जाता है | 

IVF प्रेगनेंसी के लिए ब्लड टेस्ट 

IVF  प्रेगनेंसी को जांचने के लिए ब्लड टेस्ट को अधिक विश्वसनीय माना जाता है | जब भ्रूण को IVF द्वारा गर्भाशय में स्थापित किया जाता है तब वह गर्भाशय की दिवार एंडोमेट्रियम पर आरोपित होता है |  गर्भावस्था में भ्रूण स्थापित होने के 2 सप्ताह बाद ब्लड टेस्ट सही रहता है | ब्लड सैंपल प्रेगनेंसी को जांचने के लिए बीटा HCG का लेवल देखा जाता है | जब भ्रूण गर्भाशय की दीवार से चिपकने के लिए एक और लेयर बनाता है जिसे की ट्रोफोएक्टोडर्म कहते है | यह लेयर बनने के बाद एक रसायन रिलीज करती है जिसे की बीटा एचसीजी कहते है | ब्लड टेस्ट में इसी बीटा एचसीजी के स्तर को नापा जाता है | 

IVF प्रेगनेंसी के लिए अल्ट्रासाउंट 

यदि ब्लड टेस्ट पॉजिटिव आता है तो इसके 15 दिन बाद यानि की भ्रूण स्थापित होने के 4 सप्ताह बाद डॉक्टर पेशंट को सोनोग्राफी टेस्ट के लिए बुलाते है | यह सोनोग्राफी ट्रांसवेजाईनल सोनोग्राफी होती है जिसमें बच्चे की की धड़कन को जांचा जाता है | 

इस तरह इन टेस्ट के द्वारा यह जांचा जाता है की IVF प्रक्रिया के बाद प्रेगनेंसी सफल हुई है या नहीं | IVF प्रक्रिया आज के समय में फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए सबसे अच्छे विकल्पों में से एक माना जाता है | 

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने जाना की IVF के बाद आप किन किन परीक्षणों के द्वारा प्रेगनेंसी को जान सकते है | यदि आप IVF या अन्य फर्टिलिटी ट्रिटमेंट के बारे में ओर अधिक जानकारी पाना चाहते है, तो आस्था फर्टिलिटी की वेबसाइट के लिंक पर जाकर जानकारी पा सकती है | इसके अलावा यदि आप हमारे विशेषज्ञों से ऑनलाइन परामर्श चाहते है तो अपना फ्री ऑनलाइन परामर्श समय निश्चित करें | 

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Dr Namita Kotia

Dr. Namita Kotia (IVF specialist in Jaipur) attained her Master’s in Obstetrics and Gynecology from S.N. Medical College, Jodhpur affiliated to University of Rajasthan in 1997. She has more than 10 years experience in field of Assisted Reproductive Technology (ART).Presently at Aastha Fertility Care Dr. Namita along with her team is providing complete infertility work up and treatment options under one roof. Her aim is to provide proper guidance and treatment to Infertile couples at AFFORDABLE RATES.She is life member of Indian Academy of Human Reproduction (IAHR), Indian Society for Assisted Reproduction (ISAR), Federation of Obstetrics and Gynecology Society of India (FOGSI) and Jaipur Obstetrics Gynecology Society (JOGS). She has a number of publications in various journals and presentations at state and National level conferences to her credit.Dr. Namita is also recipient of best paper presentation viz “Diagnosis of Congenital Mullerian anomalies by three dimensional Transvaginal Sonography” awarded at “Kishori” Conference in Jodhpur (2000).

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