IVF के लिए कितने egg चाहिए होते है जानिए पूरी जानकारी

जब  कोई भी कपल IVF ट्रीटमेंट के लिए जाते है तो उनके मन में कई सवाल रहते है उनमें से एक सवाल यह है की IVF के लिए कितने egg चाहिए होते है या IVF की  सफलता के लिए कितने egg की जरुरत होती है | IVF की प्रक्रिया का एक मुख्य चरण है Ovary से Egg प्राप्त करना | ऐसे में कपल जानना चाहते है उनकी प्रेगनेंसी कंसीव करने के लिए डॉक्टर कितने egg उनकी Ovary से निकालते है | साथ ही वह यह भी जानना चाहते है की Ovary से Egg निकालते समय उन्हें किसी तरह का दर्द तो नहीं होता है | तो आपके मन के इन सभी सवालों के जवाब आज के इस लेख में हम जानेंगें | 

IVF में अंडे प्राप्त करने की क्या प्रक्रिया है ? 

सबसे पहले जब कपल IVF के लिए आते है तो उसके बाद उनके कुछ टेस्ट किये जाते है | इसके बाद stimulation Injection दिए जाते है जिससे अधिक संख्या में Folical परिपक्व हो सके | यह इंजेक्शन 10 से 12 दिन लगाए जाते है | अंतिम दिन ट्रिगर इंजेक्शन लगाया जाता है जिसके 32 से 34 घंटे बाद फॉलिकल प्राप्त किये जाते है | अंडे इन्हीं फॉलिकल में होते है दरअसल फॉलिकल एक तरल की थैली होती है जिसमें तरल के साथ ही एक अंडा भी होता है |  प्रत्येक फॉलिकल में एक अंडा होता है | जितने अधिक Folical परिपक्व होते है उससे सफलता की सम्भावना भी अधिक होती है लेकिन साथ ही यह बात भी मायने रखती है की अंडो की Quality कैसी है | 

IVF की सफलता के लिए कितने egg की जरुरत होती है 

IVF की सफलता के लिए अधिक अंडो  के साथ ही क्वालिटी अंडो की जरुरत होती है | stimulation injection के बाद IVF के लिए 5 से लेकर 15 फॉलिकल प्राप्त किये जाते है | इन फॉलिकल को प्राप्त करने के बाद लैब में इनमें से अंडे प्राप्त किये जाते है | कुछ ऐसे फॉलिकल भी होते है जिनमें अंडे सही तरह से नहीं बन पाते है ऐसे में उन अंडो को अलग कर लिया जाता है | इन अंडो को दो श्रेणी में बांटा जा सकता है एक तो Premature Egg होते है और दूसरे Mature Egg होते है | जो premature egg होते है उनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं होती है इसलिए उन्हें IVF के लिए योग्य नहीं माना जाता है और IVF के लिए इन Egg का उपयोग नहीं किया जाता है | दूसरे जो egg होते है जो की Mature egg होते है वह अच्छी क्वालिटी के egg होते है और IVF के लिए इन्हीं egg का उपयोग किया जाता है | 

IVF में Embryo की संख्या कितनी होनी चाहिए 

जब अंडाशय से फॉलिकल को प्राप्त कर लिया जाता है तो उसके बाद उन फॉलिकल से अंडो को अलग करके स्वस्थ अंडो को पुरुष से प्राप्त शुक्राणु से निषेचित किया जाता है | अंडो को निषेचित होने के बाद उन्हें 3 से 5 दिन तक निगरानी में रखा जाता है | यदि 10 अंडे निषेचित किये जाते है तो उनमें से कुछ अंडे भ्रूण नहीं बन पाते है | कुछ भ्रूण यानि की Embryo प्राथमिक अवस्था को प्राप्त नहीं कर पाते है और उनका विकास रुक जाता है | कुछ ही अंडे ऐसे होते है जो blastocyst तक की अवस्था तक पहुंच पाते है | इस अवस्था तक पहुंचने के लिए अंडे को 5 से 6 दिन तक का समय लगता है | 

जब blastocyst के बाद इन Embryo को गर्भाशय में कैथेटर की मदद से गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है | गर्भाशय में स्थानांतरित होने के बाद की प्रक्रिया प्राकृतिक रूप से होती है | जब गर्भाशय में स्थानांतरित अंडा गर्भाशय की दिवार से चिपक जाता है तो प्रेगनेंसी कंसीव हो जाती है | कुछ मामलों में एक से अधिक embryo को गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है उससे pregnency की सम्भावना अधिक होती है | लेकिन यदि केवल एक ही अंडा blastocyst तक पंहुचा है तो भी परेशान नहीं होना चाहिए | एक embryo से भी प्रेगनेंसी की सम्भावना  रहती है | इसलिए IVF करवाने के बाद आपको सकारात्मक रहना चाहिए | 

निष्कर्ष 

आस्था फर्टिलिटी में हम कपल के मन की सभी शंकाओं जैसे की ivf की प्रक्रिया क्या है, IVF की सफलता की सम्भावना क्या है, ivf के लिए कितने एग चाहिए का समाधान करने की कोशिश करते है | आस्था फर्टिलिटी देश के सबसे प्रतिष्ठित और भरोसेमंद फर्टिलिटी सेण्टर में से एक है | आस्था फर्टिलिटी में हमारा उद्देश्य आपको एक अच्छे माहौल के साथ ही बेहतर IVF treatment प्रदान करना है |

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Dr Namita Kotia

Dr. Namita Kotia (IVF specialist in Jaipur) attained her Master’s in Obstetrics and Gynecology from S.N. Medical College, Jodhpur affiliated to University of Rajasthan in 1997. She has more than 10 years experience in field of Assisted Reproductive Technology (ART). Presently at Aastha Fertility Care Dr. Namita along with her team is providing complete infertility work up and treatment options under one roof. Her aim is to provide proper guidance and treatment to Infertile couples at AFFORDABLE RATES. She is life member of Indian Academy of Human Reproduction (IAHR), Indian Society for Assisted Reproduction (ISAR), Federation of Obstetrics and Gynecology Society of India (FOGSI) and Jaipur Obstetrics Gynecology Society (JOGS). She has a number of publications in various journals and presentations at state and National level conferences to her credit. Dr. Namita is also recipient of best paper presentation viz “Diagnosis of Congenital Mullerian anomalies by three dimensional Transvaginal Sonography” awarded at “Kishori” Conference in Jodhpur (2000).

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