आईवीएफ उपचार में इंजेक्शन कितने दिन लगते है और क्या इसमें दर्द होता है ?

निसंतान जोड़ों के लिए IVF किसी वरदान से कम नहीं है | IVF के द्वारा स्वयं के बच्चों की आस छोड़ चुके जोड़ों ने संतान सुख पाया है | आईवीएफ के उपचार में महिलाओं को हार्मोनल इंजेक्शन लेने की आवश्यकता होती है | जब IVF उपचार किया जाता है तो महिला के गर्भाशय में जितने अधिक परिपक्व अंडे होते है IVF की सफलता की सम्भावना भी उतनी अधिक होती है | 

महिलाओं में प्रत्यके माहवारी के दौरान एक अंडा परिपक्व होता है लेकिन कुछ महिलाओं के गर्भाशय में अंडे सही समय और सही तरिके से परिपक्व नहीं हो पाते है | ऐसे में डॉक्टर IVF की अधिकतम सफलता के लिए  हार्मोनल इंजेक्शन लेने की सलाह देते है | ऐसे में कुछ जोड़े जानना चाहते है की आईवीएफ इंजेक्शन कितने दिन लेने होते है |

 अगर आपके मन में भी इस तह के सवाल है की आईवीएफ इंजेक्शन कब कब लगते है , कितने दिन में लगते है और कितने लगते है, तो इन सभी बातों की जानकारी आपको इस Article में विस्तार से मिल जाएगी | 

आईवीएफ इंजेक्शन प्रोटोकॉल क्या है ?

IVF उपचार में उपचार से पहले रक्त परिक्षण और अल्ट्रा सोनोग्राफी की जाती है | इनकी रिपोर्ट के आधार पर ही IVF विशेषज्ञ यह जान पाते है की IVF उपचार में कितना समय और हार्मोनल इंजेक्शन की कितनी dosage की आवश्यकता होगी | IVF उपचार के हर चरण महत्वपूर्ण होता है, और इन सभी चरणों की सफलता ही IVF की सफलता को निर्धारित करती है | IVF ट्रीटमेंट के लिए निम्नलिखित चरण होते है |  

Ovary Stimulation 

IVF की सफलता के लिए यह जरुरी है की अंडो का उचित मात्रा में उत्पादन हो | अंडाशय को अधिक उर्वरक बनाने के लिए महिला को Hormonal इंजेक्शन लगाए जाते है | यह Injection 7 से 15 दिनों में हर रोज लगाए जाते है | इन इंजेक्शन में Luteinizing Hormone और Follicle stimulating hormone इंजेक्शन द्वारा दिए जाते है | इससे Ovary में उर्वरकता बढ़ती है और IVF Process के लिए अधिक अंडे प्राप्त होते है | 

इंजेक्शन देने के एक सप्ताह के भीतर हार्मोन के स्तर को नापने के लिए कुछ Test किये जाते है | इसमें रक्त परिक्षण और कुछ स्कैन होते है जिनसे Follicle count की जाँच की जाती है | Harmon के ये Trigger Shots अंडे प्राप्त करने के 36 घंटे पहले तक दिए जाते है | 

अंडो को निकालना 

अण्डों को निकालने की प्रक्रिया बहुत छोटी होती है लेकिन इसके लिए पहले मरीज को एनेस्थीसिया दिया जाता है | उसके बाद एक खोखली इंजेक्शन सिरिंज को महिला के योनिद्वार से गर्भाशय में से परिपक्व अंडो को निकाला जाता है | यह पूरी प्रक्रिया हार्मोनल इंजेक्ट करने के 36 घंटे बाद की जाती है | 

शुक्राणुओं को निकालना 

IVF Process के लिए पुरुष साथी के Sperm से शुक्राणु को लिया जाता है | बहुत से शुक्राणु में से सही शुक्राणु को लेकर उन्हें साफ़ करके IVF के लिए उपयोग लिया जाता है | कई बार जब पुरुष में शुक्राणु की कमी होती है तो ऐसे में उनके Testicals से Injection के द्वारा शुक्राणुओं को निकाला जाता है | 

अंडो का निषेचन और भ्रूण का विकास 

महिला के अंडो और पुरुष के शुक्राणु को निकालकर उन्हें लैब में निषेचित किया जाता है और जब यह निषेचित हो जाता है तो भ्रूण का प्रारंभिक विकास लैब में ही किया जाता है | 

भ्रूण का गर्भाशय में रखना 

लैब के अंदर प्रारंभिक अवस्था में भ्रूण के विकास पर नजर रखी जाती है जब भ्रूण सही तरह से विकसित होने लगता है तो उसे योनिद्वार से ही गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है | गर्भाशय में स्थानांतरित होने के बाद यह जरुरी है की गर्भाशय उस भ्रूण को स्वीकारे और उसके विकास को सही तरह से आगे बढ़ने दे | इसके लिए IVF विशेषज्ञ भ्रूण को गर्भाशय में रखने के बाद मरीज को देखरेख में रखते है | और समय समय पर कुछ जरुरी Test करते रहते है | 

Hormonal इंजेक्शन 

आईवीएफ प्रक्रिया में हार्मोनल इंजेक्शन प्रारंभिक चरण में होते है और यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाते है की इन इंजेक्शन के द्वारा ही सही तरह से अंडों का उत्पादन होने लगता है | यह जरुरी है की इन्हें doctor के बताये अनुसार 7 से 15 दिनों के लिए नियमित लेना होता है | इन Hormonal injection के प्रभाव से ही Ovary में अण्डों का निर्माण होता है | 

अंतिम निष्कर्ष 

वैसे तो इंजेक्शन के नाम से ही अधिकांश लोगों को डर लगने लगता है लेकिन IVF में Hormonal  इंजेक्शन लगाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है, और इसे बिना Doctor और nurse की मदद के स्वयं भी लगा सकते है | इसकी सिरिंज बहुत ही पतली होती है और लगाने पर बिलकुल भी दर्द का अहसास नहीं होता है | 

यदि आप IVF उपचार के लिए विचार कर रहे है तो आस्था फर्टिलिटी केंद्र जयपुर एक उत्तम विकल्प है | यहाँ पर आपको IVF विशेषज्ञों द्वारा सही परामर्श दिया जाता है | यहाँ पर आपको IVF से सबंधित सभी बारीक़ जानकारी और इसके प्रभावों और सफलता के बारे में विस्तार से बताया जाता है | डॉक्टर्स सहित यहाँ का सभी स्टाफ अपने काम में कुशल है और अच्छे उपचार के साथ आपकी देखभाल को यहाँ प्राथमिकता दी जाती है | 

Dr Namita Kotia

Dr Namita Kotia

Dr. Namita Kotia (IVF specialist in Jaipur) attained her Master’s in Obstetrics and Gynecology from S.N. Medical College, Jodhpur affiliated to University of Rajasthan in 1997. She has more than 10 years experience in field of Assisted Reproductive Technology (ART).Presently at Aastha Fertility Care Dr. Namita along with her team is providing complete infertility work up and treatment options under one roof. Her aim is to provide proper guidance and treatment to Infertile couples at AFFORDABLE RATES.She is life member of Indian Academy of Human Reproduction (IAHR), Indian Society for Assisted Reproduction (ISAR), Federation of Obstetrics and Gynecology Society of India (FOGSI) and Jaipur Obstetrics Gynecology Society (JOGS). She has a number of publications in various journals and presentations at state and National level conferences to her credit.Dr. Namita is also recipient of best paper presentation viz “Diagnosis of Congenital Mullerian anomalies by three dimensional Transvaginal Sonography” awarded at “Kishori” Conference in Jodhpur (2000).

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