बच्चेदानी में सूजन होने पर हो सकती हैं ये 5 परेशानियां:- डॉ नमिता

क्या आपने कभी सोचा है की हमारी छोटी छोटी आदतें किस तरह हमारी जीवनशैली को आकर देती हैं? 

आज की भागदौड भरी Fashionable सी लाइफ में हम बहुत बार अपनी सेहत की अनदेखी कर देते है| कॉफ़ी पीकर देर रात तक कम करना, अत्यधिक जंक फ़ूड का सेवन, व्ययाम न करना, पैदल न चलना, और बहुत अधिक तनाव में रहना, ये कुछ छोटी छोटी दिखने वाली आदतें न सिर्फ हमारे भविष्य को खतरे में डालती है बल्कि कई गंभीर समस्याओं का कारण भी बनती है| 

इन्ही सब समस्याओं में से एक समस्या जो महिलाओं में आम है, वो है बच्चेदानी से जुड़ी समस्याएं|

इसे इस बात से समझा जा सकता  है कि पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं में बच्चेदानी से जुड़ी समस्याओं में % वृद्धि हुई है और चिंता की बात ये है की ये आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है| 

इससे न सिर्फ महिलाओं की fertility प्रभावित हो रही है बल्कि अनियमित पीरियड्स, पेट में दर्द, कमर में दर्द, अधिक ब्लीडिंग जैसी कई शारीरिक समस्याओं के साथ साथ मानसिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है|

आस्था फर्टिलिटी सेंटर की विशेषज्ञ डॉक्टर नमिता का कहना है की इस समस्या के बढ़ने का एक और कारण ये भी है की महिलाएं इस सबंध में खुलकर बात नहीं करती जिससे उन्हें समय रहते मदद नहीं मिल पाती|

डॉक्टर नमिता इस ब्लॉग के द्वारा हमे ये बतायेंगी कि बच्चेदानी में सूजन से क्या परेशानी हो सकती है तथा इस सम्बन्ध में बात करके अथवा विशेषज्ञ की मदद से आप इन सभी गंभीर समस्याओं से बच सकती हैं|

बच्चेदानी में सूजन 

बच्चेदानी की सूजन को मेडिकल टर्म्स में एंडोमेट्रैटिस (Endometritis) के नाम से जाना जाता है| यह वह अवस्था है जब गर्भाशय के भीतरी भाग में किसी संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है तथा बच्चेदानी का साइज अनावश्यक रूप से बढ़ने लगता है|

सामान्यतः Endometritis की अवस्था महिलाओं में उनके प्रसव के समय होती है परन्तु आजकल कुछ rare cases में teenage गर्ल्स में भी इस समस्या को देखा गया जो की गंभीर है|

बच्चेदानी में सूजन होने से क्या परेशानी होती है 

यदि बच्चेदानी में सूजन का शुरूआती दिनों में ही पता लगा लिया जाये तो इसके गंभीर मामलों जैसे कैंसर व अन्य समस्याओं से बचा जा सकता है| चलिए विस्तार से जानते हैं की बच्चेदानी में सूजन होने से क्या परेशानी हो सकती है?

1. अनियमित पीरियड्स और दर्द

बच्चेदानी में सूजन या Endometritis होने पर सबसे पहला प्रभाव पीरियड्स पर पड़ता है| महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट में अत्यधिक दर्द एवम भारी मात्रा में ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है| 

मासिक धर्म के दौरान होने वाला दर्द इतना तीव्र हो सकता है कि ना सिर्फ रोजमर्रा के काम प्रभावित हो बल्कि उन्हें Bed rest की आवश्यकता भी हो सकती है|

यदि आपको भी अत्यधिक दर्द की शिकायत हो या Heavy Bleeding जैसी समस्या हो तो एक बार विशेषज्ञ से परामर्श जरुर लें क्योंकि ये बच्चेदानी में सूजन के कारण हो सकता है|

2. प्रेग्नेंट होने में समस्या

अत्यधिक दर्द के अलावा बच्चेदानी में सूजन गर्भधारण की क्षमता को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है| सूजन के कारण गर्भाशय की दीवारें मोटी हो जाती है जिससे implantation नहीं हो पाता है तथा pregnant होने की संभावना बहुत कम हो जाती है| इससे न सिर्फ प्राकर्तिक रूप से गर्भवती होने में समस्या होती है बल्कि IVF जैसी उन्नत तकनीकों की सफलता दर भी प्रभावित होती है|

हालाकि Fertility बढाने के लिए meditation, योग, तथा Healthy Lifestyle जैसे बदलाव किये जा सकते हैं लेकिन साथ ही doctor से परामर्श लेना भी अत्यधिक आवश्यक है|

3. पेट और कमर में दर्द

बच्चेदानी में सूजन होने पर महिलाओं को पेट के निचले भाग और कमर में लगातार दर्द महसूस होता है| सामान्यतः यह दर्द हल्का होता है परन्तु मासिक धर्म के दौरान यह असाधरण रूप से बढ़ सकता है| कभी कभी अचानक से तेज ऐंठन भी महसूस हो सकती है| 

अत्यधिक दर्द के कारण कई महिलाओं को बैठने, उठने, चलने और सामान्य काम करने में में भी तकलीफ होती है तथा दैनिक कार्यों को करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है|

बहुत अधिक दर्द होने पर Heat pad से सिकाई तथा हल्के हाथ से मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है| इसके अतिरिक्त योग से आपको कमर दर्द में काफी राहत मिल सकती है| 

4. पेशाब करने में दिक्कत

चूँकि गर्भाशय और मूत्राशय पास पास स्थित होते हैं इसलिए बच्चेदानी की सूजन होने पर मूत्र सम्बन्धी समस्याएं भी हो सकती है| सूजन के कारण मूत्राशय पर दबाव पड़ता है जिससे महिलाओं को बार बार पेशाब करने की जरुरत महसूस होती है| कई बार पेशाब करते समय दर्द और जलन का सामना भी करना पड़ता है| 

यदि स्थिति गंभीर हो तो रुक रुक के पेशाब आने जेसी समस्याएँ भी हो जाती है| कई मामलों में मूत्र में संक्रमण का खतरा भी हो सकता है| यदि आप इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो उन्हें ignore न करें, एक बार विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें|

5. पेट में सूजन और गैस की समस्या

बच्चेदानी में सूजन अक्सर पाचन तंत्र को भी प्रभावित करती है। 

यदि लम्बे समय तक बच्चेदानी में सूजन है तो पेट में सूजन, गैस, कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। कई महिलाओं को भोजन के बाद असहजता महसूस होती है और पेट फूला-फूला सा लगता है।

बच्चेदानी में सूजन का इलाज

बच्चेदानी में सूजन का इलाज इसकी गंभीरता तथा महिला की स्थिति पर निर्भर करता है| हर महिला की स्थिति अलग होती है इसलिए इलाज भी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार किया जाता है|

कुछ मामलों में सूजन अपने आप ठीक हो जाती है जबकि गंभीर मामलों में Surgery की जरुरत भी पड़ सकती है| यदि समस्या का पता शुरूआती दिनों में ही लगा लिया जाये तो विशेषज्ञ के परामर्श द्वारा कुछ दवाइयां जैसे anti-inflammatory दवाएं जो सूजन को कम करने में मदद करती है या Hormonal Therapy भी ली जा सकती है|

Lifestyle में Changes जैसे ताजा खाना, 7-8 घंटे की नींद, नियमित व्यायाम आदि करके भी इसका समाधान किया जा सकता है|

याद रखें कि बच्चेदानी की सूजन सिर्फ बच्चेदानी को ही नहीं बल्कि अन्य अंगों को भी प्रभावित करती है इसलिए ये जरुरी है की आप समय रहते इलाज करवाएं| 

बच्चेदानी में सूजन आपका present में ही नहीं बल्कि भविष्य में आपकी fertlity को भी प्रभावित कर सकती है|

ध्यान दें कि साधारण सी दिखने वाली समस्याएं कई बार गंभीर बीमारियों का कारण हो सकती है इसलिए आवश्यक है कि आप इन्हें नज़रअंदाज न करें|

यदि आप भी बच्चेदानी से जुड़ी समस्याओं से जूझ रही है तो आज ही Aastha Fertility Center से संपर्क करें तथा विशेषज्ञों द्वारा अपनी समस्याओं का हल पाएं|

Picture of Dr Namita Kotia

Dr Namita Kotia

Dr. Namita Kotia (IVF specialist in Jaipur) attained her Master’s in Obstetrics and Gynecology from S.N. Medical College, Jodhpur affiliated to University of Rajasthan in 1997. She has more than 10 years experience in field of Assisted Reproductive Technology (ART). Presently at Aastha Fertility Care Dr. Namita along with her team is providing complete infertility work up and treatment options under one roof. Her aim is to provide proper guidance and treatment to Infertile couples at AFFORDABLE RATES. She is life member of Indian Academy of Human Reproduction (IAHR), Indian Society for Assisted Reproduction (ISAR), Federation of Obstetrics and Gynecology Society of India (FOGSI) and Jaipur Obstetrics Gynecology Society (JOGS). She has a number of publications in various journals and presentations at state and National level conferences to her credit. Dr. Namita is also recipient of best paper presentation viz “Diagnosis of Congenital Mullerian anomalies by three dimensional Transvaginal Sonography” awarded at “Kishori” Conference in Jodhpur (2000).

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