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ToggleAmh क्या होता है, यह प्रेगनेंसी में क्या प्रभाव डालता और प्रेगनेंसी के लिए amh कितना होना चाहिए| | यह कुछ ऐसे सवाल है जिनके बारे में बहुत कम महिलाओं को पता है | प्रेगनेंसी कंसीव होने में जब महिला को दिक्कत आती है तो डॉक्टर कुछ टेस्ट करके यह पता करते है की महिला में AMH का स्तर क्या है | AMH प्रेगनेंसी के लिए बहुत ही जरुरी है और यदि इसका स्तर कम होता है तो प्रेगनेंसी होना उतना ही मुश्किल हो जाता है |
AMH क्या है ?
प्रत्येक महिला अपने जन्म के साथ ही 20 लाख अंडो के साथ जन्म लेती है | जन्म से लेकर माहवारी आने तक इनमें से अंडे लगातार नष्ट होते रहते है | माहवारी शुरू होने के समय महिला में इन अंडो की संख्या 3 लाख के लगभग रह जाती है | इसके बाद भी यह अंडे लगातार नष्ट होते रहते है | एक महिला के पुरे जीवन काल में 400 अंडे ही परिपक्व हो पाते है |
यह अंडे महिला के अंडाशय में रहते है जहाँ यह अंडे फॉलिकल जो की एक तरल की थैली में रहते है | यह फॉलिकल ही Amh हार्मोन पैदा करते है | तो अंडाशय में जितने अधिक फॉलिकल होते है AMH का स्तर उतना ही अधिक होता है | यदि अंडाशय में Follicle कम होते है तो AMH का स्तर भी कम हो जाता है | वैसे तो AMH का स्तर कम होने की समस्या किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है लेकिन सामान्यतः कम उम्र की महिलाओं का AMH स्तर अधिक उम्र की महिलाओं की तुलना में अधिक होता है |
प्रेगनेंसी के लिए AMH का स्तर कितना होना चाहिए (amh kitna hona chahiye)
AMH लेवल को टेस्ट करके यह पता किया जा सकता है की महिला को किस तरह के ईलाज से अधिक से अधिक फायदा हो सकता है एवं अगर Amh का लेवल ज्यादा ही कम है तो क्या उपचार के लिए IVF जैसे विकल्प अपनाये जा सकते है | सामान्य रूप से एक महिला में 2.2 ng/ml से 6.0 ng/ml तक AMH का स्तर होना चाहिए | यदि महिला में इससे कम Amh का लेवल है तो इससे पता चलता है की अंडाशय में अंडो की संख्या कम है |
AMH लेवल चेक करने के लिए कौनसे Test किये जाते है
महिला के अंडाशय में Follicle की स्थिति को जांचने के लिए Amh टेस्ट किया जाता है | यह AMH टेस्ट एक ब्लड टेस्ट होता है | AMH टेस्ट का पूरा नाम Anti mullerian Hormone होता है | इस टेस्ट में सबसे पहले महिला का ब्लड सैंपल लिया जाता है और फिर लैब में उसके AMH के स्तर का टेस्ट किया जाता है |
AMH कम होने पर प्रेगनेंसी के लिए क्या करें
किसी भी महिला के लिए प्राथमिक रूप से अंडाशय में अंडो की सही स्थिति होनी चाहिए | यदि Amh स्तर से यह पता चला है की ओवेरी में कम मात्रा में अंडे है तो चिंता करने की जरुरत नहीं है | विज्ञान के इस युग में IVF के द्वारा फर्टिलिटी एक अच्छा विकल्प है | IVF एक कृत्रिम फर्टिलिटी उपचार है जिसमें डॉक्टर कुछ टेस्ट करने के बाद जान लेते है की महिला या पुरुष को किस तरह की शारीरिक समस्या है जिससे प्रेगनेंसी में दिक्कत आ रही है |
यदि Amh के टेस्ट से यह पता चला है की महिला की ओवेरी में अंडो की संख्या कम है | डॉक्टर कुछ दवाइयों और इंजेक्शन के द्वारा अंडो को सही तरह से ग्रोथ करवाकर उन्हें Rupture के लिए संकेत देते है | इसके बाद जब अंडे फ़ैलोपिन ट्यूब में आते है तो उन्हें कृत्रिम तरीके से बाहर निकाल लिया जाता है और उन्हें पुरुष के शुक्राणु के साथ फर्टिलाइज करवाकर पुनः गर्भाशय में रख दिया जाता है | यदि किसी महिला के Amh का लेवल बहुत कम है तो ऐसी परिस्थिति में किसी डोनर महिला से अंडे लेकर उन्हें शुक्राणु के साथ निषेचित करवाकर महिला के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है | यदि आप विस्तार से जानना चाहते है की IVF क्या है तो दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
आस्था फर्टिलिटी है IVF के लिए सबसे अच्छा विकल्प
यदि Amh लेवल टेस्ट आपने करवा लिया है और आपको पता चल गया है की आपके Amh का स्तर कम है तो आप आस्था फर्टिलिटी में आकर अपना IVF उपचार करवा सकते है | IVF के द्वारा अब तक यहाँ से कई लोगों ने अपने बच्चे की चाहत को पूरा किया है और आज माँ बाप बनने की उनकी ख्वाहिश पूरी हुई है | यदि आप प्रेगनेंसी के लिए IVF प्रक्रिया के बारे में जानना चाहते है तो विशेषज्ञों से परामर्श के लिए फ्री ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करें |
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