एंडोमेट्रियोसिस क्या है और इसमें IVF के द्वारा गर्भधारण की सम्भावना क्या है 

एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी समस्या है जिसके कारण बड़ी संख्या में महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्या आती है | एंडोमेट्रायोसिस सोसायटी ऑफ़ इंडिया द्वारा किये गए सर्वे के अनुसार गर्भधारण नहीं करने वाली 30% महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस की समस्या होती है | एंडोमेट्रियोसिस की समस्या के कारण फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है और बहुत कोशिश करने के बाद भी प्रेगनेंसी कंसीव नहीं हो पाती है | आज के इस लेख में हम जानेंगे की एंडोमेट्रियोसिस क्या है, एंडोमेट्रियोसिस की समस्या होने पर शरीर में कौन कौन से लक्षण दिखाई देते है, इसके कारण क्या है और साथ ही हम जानेंगे  की एंडोमेट्रियोसिस के कारन गर्भधारण में किस तरह की समस्या आती है और अंत में इसके उपचार के लिए क्या विकल्प है | 

एंडोमेट्रियोसिस क्या है ?

एंडोमेट्रियोसिस एक गर्भाशय की बीमारी है, यह समस्या तब पैदा होती है जब महिला के गर्भाशय के आंतरिक परत जिसे की एंडोमेट्रियम कहते है, इसके उत्तक असामान्य रूप से बढ़ने लगते है और और गर्भाशय के अन्य अंगों फ़ैलोपिन ट्यूब, अंडाशय, पेल्विस की लाइनिंग तक फैलने लगते है, जिससे गर्भधारण करने में समस्या आने लगती है | 

एंडोमेट्रियम गर्भावस्था के लिए बहुत ही जरुरी होता होता है और गर्भस्थ शिशु इसके अंदर रहकर ही विकसित होता है | लेकिन जब एंडोमेट्रियम टिश्यू असामान्य रूप से बढ़ने लगते है, जिसके कारण एंडोमेट्रियोसिस, पेल्विक कैंसर जैसी समस्या हो सकती है | 

एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण क्या है ?

जब एंडोमेट्रियोसिस की समस्या होती है ऐसे में शरीर पर कुछ लक्षण दिखाई देते है | यदि इन लक्षणों पर सही समय से ध्यान दिया जाए और उपचार किया जाए तो इस समस्या को गंभीर होने से बचाया जा सकता है | आइये जानते है, एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण क्या है – 

  • एंडोमेट्रियोसिस का सबसे प्रमुख लक्षण है, बार बार कोशिश करने के बाद भी प्रेगनेंसी कंसीव ना हो पाना | 
  • एंडोमेट्रियम टिश्यू के बढ़ने से जब वह टूटते है जिसके कारण अनियमित माहवारी एवं अधिक रक्तस्त्राव की समस्या सामने आती है | 
  • माहवारी के समय अधिक दर्द की समस्या सामने आ सकती है | 
  • सेक्स के दौरान अधिक दर्द होना | 
  • मूत्र त्यागने और मल त्यागने में दिक्कत आना और दर्द होना | 
  • थोड़ी सी मेहनत करने पर थकान होना | 

एंडोमेट्रियोसिस के कारण से गर्भावस्था में आने वाली समस्या 

गर्भावस्था कंसीव करने में एंडोमेट्रियोसिस के कारण गंभीर समस्या आती है | प्रेगनेंसी के लिए जब अंडा फॉलिकल से rupture होकर फ़ैलोपिन ट्यूब में आता है और वहां पर शुक्राणु के लिए इंतज़ार करता है | शुक्राणु आने पर वह इस अंडे को निषेचित करता है |  इसके बाद निषेचित अंडा गर्भाशय में पहुँचता है और गर्भाशय की दिवार से आरोपित होता है | लेकिन एंडोमेट्रियोसिस के कारण अलग अलग तरह से गर्भधारण में समस्या आती है | 

जब एंडोमेट्रायोसिस के कारण फ़ैलोपिन ट्यूब में रूकावट आती है जिसकी वजह से शुक्राणु अंडे तक नहीं पहुंच पाते है | इसके अलावा यदि अंडे गर्भाशय में पहुंच भी जाते है तो  अंडाशय की दीवारों से एंडोमेट्रियम उत्तकों के माहवारी के समय टूटने से जमने वाले रक्त के कारण  भ्रूण गर्भाशय की दिवार से आरोपित नहीं हो पाता है | यह सभी वजह निसंतानता का कारण बनती है | 

एंडोमेट्रियोसिस में IVF के द्वारा गर्भधारण की सम्भावना 

यदि महिला में एन्ड्रोमेट्रोयोसिस की समस्या शुरुआती अवस्था में है तो इसमें गर्भधारण में अधिक समस्या नहीं आती है | लेकिन यदि यह समस्या 3rd या 4th स्टेज पर पहुंच गयी है तो इसकी वजह से गर्भधारण में समस्या आती है और ऐसे में IVF की सफलता की सम्भावना भी कम हो जाती है | IVF में अंडो के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ दवाएं दी जाती है जिससे अंडे का उत्पादन बेहतर होता है | IVF में निषेचन की अधिकांश प्रक्रिया कृत्रिम रूप से की जाती है, जिससे गर्भधारण में आने वाली अधिकांश समस्याओ को दूर कर दिया जाता है और गर्भधारण को आसान बनाया जाता है | 

निष्कर्ष 

एंडोमेट्रियोसिस के कारन गर्भावस्था में आने वाली समस्या के लिए IVF एक बेहतर विकल्प के रूप में अपना सकते है | यदि आपको एंडोमेट्रियोसिस या इसके अलावा अन्य फर्टिलिटी समस्याओं के कारन गर्भधारण नहीं कर पा रही है, तो आस्था फर्टिलिटी सेण्टर पर आप डॉक्टर्स से सलाह ले सकते है और अपनी प्रेगनेंसी को सफल बना सकते है | निशुल्क परामर्श हेतु अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें |  हमारे यहाँ पर उपचार की बेहतर तकनीक के साथ उपचार के लिए बेहतर माहौल प्रदान किया जाता है | 

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Dr Namita Kotia

Dr. Namita Kotia (IVF specialist in Jaipur) attained her Master’s in Obstetrics and Gynecology from S.N. Medical College, Jodhpur affiliated to University of Rajasthan in 1997. She has more than 10 years experience in field of Assisted Reproductive Technology (ART).Presently at Aastha Fertility Care Dr. Namita along with her team is providing complete infertility work up and treatment options under one roof. Her aim is to provide proper guidance and treatment to Infertile couples at AFFORDABLE RATES.She is life member of Indian Academy of Human Reproduction (IAHR), Indian Society for Assisted Reproduction (ISAR), Federation of Obstetrics and Gynecology Society of India (FOGSI) and Jaipur Obstetrics Gynecology Society (JOGS). She has a number of publications in various journals and presentations at state and National level conferences to her credit.Dr. Namita is also recipient of best paper presentation viz “Diagnosis of Congenital Mullerian anomalies by three dimensional Transvaginal Sonography” awarded at “Kishori” Conference in Jodhpur (2000).

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