IUI को success कैसे करें जानिए आसान टिप्स हिंदी में

घर बच्चों की खिलखिलाहट से गुलजार रहे ऐसी चाहत हर माँ बाप की होती है | लेकिन कुछ शादीशुदा जोड़ों के लिए यह चाहत पूरी नहीं हो पाती | ऐसे में घर का माहौल तनाव भरा रहता है | बच्चा पैदा ना हो पाने के कारन पति पत्नी के आपस के रिश्ते पर भी प्रभाव पड़ता है | लेकिन विज्ञान ने आज काफी तरक्की की है और बच्चे पैदा ना हो पाने की समस्या का काफी हद तक समाधान प्रस्तुत किया है |

IUI एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा डॉक्टर निसंतान जोड़ों को बच्चा पैदा करने में मदद करते है | IUI एक कृत्रिम गर्भाधान तकनीक है एवं इसकी सफलता दर 10 से 30 प्रतिशत के बीच है| यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाये तो IUI के द्वारा प्रेगनेंसी की दर अधिकतम हो सकती है | आज के इस लेख में हम जानेंगे की IUI की success को अधिक से अधिक कैसे किया जा सकता है |

IUI क्या है ?

निसंतान जोड़ों के लिए IUI एक बेहतर विकल्प है | इस फर्टिलिटी उपचार में महिला के ओवुलेशन की स्थिति को देखा जाता है | इसके बाद ओवुलेशन को प्रोत्साहित करने के लिए दवाएं दी जाती है | इसके बाद पुरुष के वीर्य से शुक्राणु को लेकर उन्हें साफ़ किया जाता है और अच्छे गुणवत्ता युक्त शुक्राणुओ को कैथेटर का उपयोग करके सीधे गर्भाशय में इंजेक्ट किया जाता है | यह बहुत ही सामान्य उपचार है और इस पूरी प्रक्रिया में अधिक समय नहीं लगता है | 

किसे करवाना चाहिए IUI 

हर उपचार की खास प्रक्रिया होती है आज के समय फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए भी कई उपचार पद्धति है जिनमें से IUI एक है | IUI उपचार भी सभी के लिए उपयुक्त नहीं होता है इसलिए पहले डॉक्टर से अपनी प्रजनन हिस्ट्री बताएं और उसके बाद कुछ परिक्षण करने के बाद आपको डॉक्टर सलाह देते है की आपको IUI उपचार करवाना चाहिए या नहीं | आइये जानते है किन मामलों में IUI फर्टिलिटी ट्रीटमेंट करवाना उपुक्त रहता है – 

  • जिन महिलाओं को असामान्य गर्भाशय ग्रीवा की समस्या हो | 
  • जिन पुरुषों में अच्छे गुणवत्ता वाले शुक्राणु ना हो | 
  • वे महिलाऐं जिन्हें ओवुलेटरी विकार हो लेकिन प्रजनन दवाओं के लिए सही प्रतिक्रिया देती हो | 
  • सिंगल महिलाऐं जो डोनर शुक्राणु की मदद से माँ बनना चाहती हो | 
  • जिन महिलाओं में एंडीमेट्रियोसिस हल्के हो | 
  • जिन जोड़ों के बांझपन के कारणों का पता ना चले | 

किसे नहीं करवाना चाहिए IUI 

कुछ मामलों में महिलाओं एवं पुरुषों की फर्टिलिटी की स्थिति को देखते हुए IUI का उपचार उनके लिए लाभप्रद नहीं रहता है और यदि वे IUIकरवाते है तो IUI में सफलता की दर भी बेहद कम रहती है | 

  • यदि पुरुष के वीर्य में शुक्राणु की कमी हो या बिलकुल ना हो | 
  • वे महिलाऐं जिनकी फ़ैलोपिन ट्यूब में अधिक रूकावट हो या वे बेहद क्षतिग्रस्त हो | 
  • यदि पहले कभी पेल्विक संक्रमण हुआ हो | 
  • जिन महिलाओं को गंभीर एंडीमेट्रोयोसिस की समस्या हो | 

IUI को Success करने के लिए क्या करें – 

यदि आपकी प्रेगनेंसी की पूर्व स्थिति और अन्य परिक्षण के आधार पर डॉक्टर IUI उपचार की सलाह देते है तो आप कुछ बातों का ध्यान रखकर अपने IUI उपचार की सफलता दर को बढ़ा सकते है – 

डॉक्टर से सलाह लें – 

IUI उपचार करवाने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए | जिससे वह आपको आपके IUI फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए सही समय सुझा सकते है साथ ही आपको उन दिनों में अगर कुछ दवाइयों के सेवन की सलाह भी दे सकते है | 

अधिक व्यायाम ना करें – 

जब आप यह तय कर लेते है की आपको IUI उपचार करवाना है तो ऐसे में डॉक्टर महिला को ओवुलेशन को प्रभावित करने वाले हार्मोन को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ दवाएं देते है |  हार्मोन के प्रभाव से आपका अंडाशय की साइज थोड़ी बढ़ जाती है | यदि आप नियमित व्यायाम करते है तो आपको केवल हलके व्यायाम जैसे पैदल चलना, सामान्य व्यायाम करना चाहिए | इस समय स्ट्रेचिंग वाले व्यायाम नहीं करने चाहिए | 

पोषक आहार लें 

IUI उपचार से पहले आपको अपने खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है | अपने खाने की थाली से आपको कार्बोहाइड्रेड को कम करके उसकी जगह प्रोटीन और विटामिन से युक्त भोजन को शामिल करना चाहिए | यह आपकी स्वस्थ  गर्भावस्था के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है | साथ ही गर्भावस्था से पहले धूम्रपान और शराब के सेवन से दूर रहना चाहिए | इसके अलावा कैफीन के सेवन से भी बचना चाहिए | 

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पुरुष को स्खलन से बचना चाहिए 

पुरुषों को IUI उपचार से करीब 3 दिन पहले तक स्खलन से बचना चाहिए | इससे आपके वीर्य बढ़ता है और IUI उपचार के लिए अच्छी मात्रा में शुक्राणु मिल पाते है | लेकिन साथ ही 5 से अधिक दिनों तक स्खलन से बचाना आपके लिए प्रतिकूल प्रभाव भी डाल सकता है | 

तनाव ना लें 

आपको IUI उपचार के लिए डॉक्टर से सलाह और उपचार के लिए कई बार IUI सेण्टर जाना होता है | ऐसे में आपको अधिक सोच विचार नहीं करना चाहिए और अगर असुविधा लगती हो तो डॉक्टर से पहले ही अपने लिए टाइम स्लॉट बुक कर ले जिससे आपको असुविधा कम हो और इसके वजह से आपको तनाव ना हो | साथ ही IUI सफल होगा या असफल इसके लिए पहले से ही सोचना बंद करें और केवल सकारात्मक सोच रखकर डॉक्टर के निर्देशानुसार कार्य करें| 

गरम स्नान ना करें 

जब आप IUI उपचार करवाने जा रहे है इस दौरान कुछ दिनों के लिए आपको गर्म स्नान, सोना स्नान से बचना चाहिए | यह गर्भ में भ्रूण के इम्प्लांटेशन में बाधक बन सकता है | IUI उपचार की सफलता के लिए आपको ऐसी छोटी छोटी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए | 

कुछ समस्या होने पर डॉक्टर को कॉल करें 

यदि आपको IUI उपचार के दौरान या बाद में किसी तरह की कोई समस्या जैसे सूजन, स्तनों में दर्द, ऐठन हो रही है तो  यह सामान्य है लेकिन  यदि तेजी से वजन बढ़ा है , पेल्विक दर्द है या साँस लेने में दिक्कत है तो डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए | 

निष्कर्ष

फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए IUI एक अच्छा विकल्प है लेकिन इसकी सफलता दर ओर अधिक तब बढ़ जाती है जब आप उपचार के लिए सही फर्टिलिटी सेण्टर का चुनाव करते है | यदि आप IUI फर्टिलिटी ट्रीटमेंट या अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट करवाने के बारे में विचार कर रहे है तो आस्था फर्टिलिटी एक सर्वोत्तम विकल्प है |

यहाँ पर आने वाले ज्यादातर दंपत्ति अपने बच्चे की चाहत को पूरा कर पाएं है | आस्था फर्टिलिटी द्वारा अधिकतम सफलता का कारन यहाँ पर विशेषज्ञ डॉक्टर्स द्वारा मिलने वाला सही परामर्श और ट्रीटमेंट के लिए अत्याधुनिक उपकरणों और चिकत्सा तकनीक का उपयोग है | निःशुल्क परामर्श के लिए अपॉइंटमेंट दिए गए लिंक पर क्लीक कर प्राप्त करें | 

Dr Namita Kotia

Dr Namita Kotia

Dr. Namita Kotia (IVF specialist in Jaipur) attained her Master’s in Obstetrics and Gynecology from S.N. Medical College, Jodhpur affiliated to University of Rajasthan in 1997. She has more than 10 years experience in field of Assisted Reproductive Technology (ART).Presently at Aastha Fertility Care Dr. Namita along with her team is providing complete infertility work up and treatment options under one roof. Her aim is to provide proper guidance and treatment to Infertile couples at AFFORDABLE RATES.She is life member of Indian Academy of Human Reproduction (IAHR), Indian Society for Assisted Reproduction (ISAR), Federation of Obstetrics and Gynecology Society of India (FOGSI) and Jaipur Obstetrics Gynecology Society (JOGS). She has a number of publications in various journals and presentations at state and National level conferences to her credit.Dr. Namita is also recipient of best paper presentation viz “Diagnosis of Congenital Mullerian anomalies by three dimensional Transvaginal Sonography” awarded at “Kishori” Conference in Jodhpur (2000).

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